________________ परिशिष्ट-३ ..267 मोतीशा ट्रस्ट द्वारा किये गये प्रस्तावमें स्पष्ट है कि पहले देवद्रव्यमेंसे पूजारीको वेतन दिया जाता था तथा पूजाकी सामग्री लायी जाती थी। सेठ मोतीशा लालबाग जैन चेरिटीज पांजरापोल स्ट्रीट, बम्बई-४ (1) सेठ श्री जेठालाल चूनीलाल घीवाला . (2) सेठ श्री शान्तिलाल सोमचंद चोकसी (भाणाभाई) और (3) सेठ श्री केशवलाल मोतीलाल शाह की ओरसे दि. ३१-७-१९६५के दिन लिखा और हमारे ट्रस्टको प्राप्त दो पत्रोंकी जानकारीके अनुसार से. मोतीशा लालबाग जैन चेरिटीजकी ट्रस्टियोंकी दि. २४-८-१९६५की सभामें पारित प्रस्ताव निम्नानुसार है / 'उपरके दो पत्रोंमें निर्देशानुसार उनकी भावना और प्रार्थनाको ध्यानमें लेकर निम्नानुसार निश्चित किया जाता है / (1) उनकी ओरसे रू. 50,000 नगद उनके पत्रमें लिखनेके अनुसार दिये जाय तबसे हमेशाके लिए स्वप्नकी बोलीकी रकम देवद्रव्य विभागमें ले जानेका निश्चित किया जाता है / ___(2) उनकी इच्छानुसार वे केसर, चन्दन आदि विभागोंकी उपज तिधि आदिका आयोजन उनके पत्रमें किये निर्देशानुसार कर, उपरोक्त विभागोंके लिए रू. 1,25,000 कुल सवा लाख पूरे जमा होने पर, निर्दिष्ट विभागोंका किसी भी प्रकारका खर्च, कल्पित देवद्रव्यमेंसे न करनेका निर्णय किया गया _ . . (3) साधारण विभागमें घाटा रहे तो (1) सेठ श्री जेठालाल चुनीलाल (2) सेठ श्री केशवलाल मोतीलाल (3) सेठ श्री शान्तिलाल सोमचंद (भाणाभाई) को सचित करें और फिर भी यदि घाटा रहे तो कल्पित देवद्रव्यमेंसे खर्च करे / जैसे आगे खर्च किया जाता था, उसी प्रकार करें / सही जे. आर. मोतीशा दि. 8-1-1966