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________________ 169 . 185 क्रमांक - 14 पर चिंतन - पं. चन्द्रशेखरविजयजी (3) वि. सं. २०४४के संमेलनीय प्रस्तावक्रमांक - 17 पर चिंतन - जिनपूजा निमित्त श्रावकोंको मार्गदर्शन - पं. चन्द्रशेखरविजयजी 178 परिशिष्ट - 2 . (1) देवद्रव्यविषयक प्रस्ताव पर चिंतन - गणि श्री अभयशेखरविजयजी (2) गुरुद्रव्य (श्राद्धजित कल्पकी 68 वी गाथाका रहस्यार्थ) पर विचार - गणि श्री अभयशेखरविजयजी परिशिष्ट - 3 देवद्रव्यसे जिनपूजादि किया जाय, उसके बारेमें स्वर्गस्थ महागीतार्थोके अभिप्राय (1) पूज्यपाद आ. भ. प्रेमसूरि म. सा. का पू. जंबूसूरिजी म. परका पत्रक्रमांक - 1 (2) पूज्यपाद आ. भ. प्रेमसूरि म. सा. का पू. जंबूसूरिजी म. परका पत्रक्रमांक - 2 पूज्यपाद आचार्य भगवंत श्री प्रेमसूरीश्वरजी म. सा. का, पू. पं. हिमांशु विजयजी म. सा. परका पत्र ___ पू. पंन्यासजी भद्रंकर विजयजी म. सा: का पूज्यपाद / प्रेमसूरिजी म. सा. परका पत्रक्रमांक - 1 पू. पन्यासजी भद्रंकर विजयजी म. सा. का पूज्यपाद प्रेमसूरिजी म. सा. परका पत्रक्रमांक - 2 (6) प. पंन्यासजी भद्रंकर विजयजी म. सा. का पूज्यपाद प्रेमसूरिजी म. सा. परका पत्रक्रमांक - 3 (7) पू. पं. कनकविजयजी आदि म. सा. का पूज्यपाद आ. भ. प्रेमसूरिजी परका पत्र (8) पू. प्रेमसूरिजी म. सा. पर कनक वि. म. सा. का पत्र 255 (9) पू. प्रेमसूरिजी म. पर पू. कनकवि. म. सा. का पत्र क्रमांक 3 257 (10) पूज्यपाद प्रेमसूरिजी म. साहबने 'मध्यस्थ बोर्ड' को 259 (11) मोतीशा ट्रस्ट द्वारा किये गये प्रस्ताव 267 परिशिष्ट- 4 परिशिष्ट - 5 परिशिष्ट - 6 (5) 250 253 271 276 290 16
SR No.004379
Book TitleDharmik Vahivat Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekharvijay
PublisherKamal Prakashan
Publication Year1996
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size22 MB
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