________________ 1. ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / चतुर्दशमो विभागः खलु तत्थ सत्थं कमइ 15 / से णं भंते ! अगणिकायस्स मज्झमज्झेणं वीइवएज्जा ?, हंता विश्वएजा 16 / से णं भंते ! तत्थ डहेजा ? नो इणढे सम8, नो खलु तत्थ सत्थं कमइ 17 / से णं भंते ! पुरकलसंवट्टगस्स महामेहस्स मज्झमझेगां वीइवएजा ?, हंता वीइवएजा 18 / से णं तत्थ उदउल्ले सिया ?, नो इणढे सम?, णो खलु तत्थ सत्थं कमइ 11 / से णं भंते ! गंगाए महाणईए पडिसोयं हव्वमागच्छेज्जा ?, हंता हव्वमागच्छेजा 20 / से णं तत्थ विणिघायमावज्जेजा?, नो इण8 सम8, णो खलु तत्थ सत्थं कमइ 21 / से णं भंते !उदगावत्तं वा उदगबिंदुवा ओगाहेजा ? हंता योगाहेजा 22 / सेणं तत्थ कुच्छेजा वा ? परियावज्जेज वा ?,णो इण? समढे, नो खलु तत्थ सत्थं कमइ,-सत्येण सुतिक्खेणवि छित्तु भेत्तुं च जं किर न सका / तं परमाणु सिद्धा वयंति पाइं पमाणाणं // सू० 100 // 23 / अणंताणं ववहारिश्र-परमाणु-पोग्गलाणं समुदय-समिति-समागमेणं सा एगा उसराहसरिहाइवा सराहसरिहाइ वा उड्डरेणू इ वा तसरेणू इ वा रहरेणू इवा, अट्ठ उसहरासगिहायो सा एगा सराहसरिहया, अट्ठ सराहसरिहायो सा एगा उड्ढरेणू, अट्ठ उड्डरेणुगो सा एगा तसरेणू, अट्ठ तसरेणूयो सा एगा रहरेणू, श्रट्ठ रहरेणूबो देवकुरुउत्तरकुंरूणं मणुश्राणं से एगे वालग्गे, अट्ट देवकुरुउत्तरकुरूणं मणुयाण वालग्गा हरिवासरम्मगवासाणं मणुभाग से एगे वालग्गे, अट्ट हरिवस्सरम्मगवासाणं मणुस्साणं वालग्गा हेमवयहेरण्णवयाणं मणुस्साणं से एगे वालग्गे, अट्ट हेमवयहेरगणवयाणं मणुस्साणं वालग्गा पुव्वविदेहअवरविदेहाणं मणुस्साणं से एगे वालग्गे, अट्ठ पुवविदेहअवरविदेहाणं मणुस्साणं वालग्गा भरहएरवयाणं मणुस्साणं से एगे वालग्गे, अट्ठ भरहेरवयाणं मणुस्साणं वालग्गा सा एगा लिक्खा, अट्ट लिक्खायो सा एगा जूत्रा, अट्ठ जूत्रायो