________________ 80] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / चतुर्दशमो विभागः वीरो रसो होइ // 64 // वीरो रसो जहा सो नाम महावीरो जो रज्जं पयहिऊण पब्वइयो / कामकोह-महासत्तु-पक्खनिग्घायणं कुणइ // 65 // सिंगारो नाम रसो रतिसंजोगाभिलास-संजणणो। मंडण-विलास-विब्बोत्रहास-लीला-रमणलिंगो // 66 // सिंगारो रसो जहा-महुर-विलाससललिगं हिय-उन्मादणकरं जुवाणाणं / सामा सदुद्दामं दाएती मेहलादामं // 67 // विम्हयकरो अपुरो अनुभुपुवो य जो रसो होइ / हरिसविसाउप्पत्ती-लक्खणो अब्भुश्रो नाम // 68 // अभुत्रो रसो जहा-अब्भुअतरमिह एतो अन्नं किं अस्थि जीवलोगंमि / जं जिणवयणेणऽत्या तिकालजुत्ता विण(मुणि)ज्जति ? // 7 // भयजणण-रूवसद्द धयार-चिंता-कहासमुप्पराणो / संमोह-संभम-विसाय-सरणलिंगो रसो रोदो // 70 // रोदो रसो जहा-भिउडी-विडंबिय-मुहा ! संदट्ठोट्ट ! इत्र रुहिरमाकिरण ! / हणसि पसु असुरणिभा ? भीमरसित्र ? अइरोह ! रोदोऽसि // 71 // विणयोवयार-गुज्म-गुरुदार-मेरावइक्कमुप्पराणो / वेलणश्रो नाम रसो लज्जासंका-करणलिंगो // 72 // वेलणयो रसो जहा-कि लोइअकरणीयो लजणीअतरंति लजयामुत्ति ? / वारिज्मी गुरुयणो परिवंदइ जं वहुप्पोत्तं // 73 // असुइ-कुणवदुईसण-संजोगभास-गंधनिष्फराणो / निव्वेअविहिं. सालक्खणो रसो होइ बीभत्सो // 74 // बीभत्सो रसो जहा-ग्रसुइमलभरिय-निज्मर-सभाव-दुग्गंधि सव्वकालंपि / धराणा उ सरीरकलिं बहुमलकलुसं विमुचंति // 75 // रूववय-वेसभासा विवरीअ-विलंबणासमुप्पराणो / हासो मणप्पहासो पगासलिंगो रसो होइ // 76 // हासो रसो जहा-पासुत्तमसी-मंडिअ-पडियुद्धं देवरं पलोअंती / ही जह थणभर. कंपण-पणमिश्र-मझा हसइ सामा // 77 // पिअविष्पयोग-बंधवह-वाहिविणिवाय-संभमुप्पराणो। सोइअ-विलवित्र-पम्हाण-रुगणलिंगो रसो करुणो // 78 // करुणो रसो जहा-पज्झायकिलामिश्रयं बाहागयप्पपुअच्छिणं