________________ 64] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / चतुर्दशमो विभागः समचउरसे, से तं पच्छाणुपुष्वी 3 / से किं तं श्रणाणुपुब्वी ?, 2 एपाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए छगच्छगयाए सेढीए अन्नमनभासो दुरूवूणो, से तं श्रणाणुपुब्बी 4 / से तं संठाणाणुपुव्वी 5 // सू० 117 // से कि तं सामायारीबाणुपुवी ?, 2 तिविहा पराणत्ता, तंजहा-पुव्वाणुपुवी पच्छाणुपुवी प्रणाणुपुवी 1 / से कि तं पुव्वाणुपुब्वी ?, 2 इच्छामिच्छातहकारो श्रावस्सिया य निसीहिया। श्रापुच्छणा य पडिपुच्छा छंदणा य निमंतणा // 16 // उपसंपया य काले सामायारी भवे. दसविहा उ॥ से तं पुवाणुपुब्धी 2 / से किं तं पच्छाणुपुव्वी ?, 2 उपसंपया जाव इच्छागारो, से तं पच्छाणुपुव्वी 3 / से किं तं श्रणाणुपुवी ?, 2 एपाए चेव एगाइयाए एगुत्तरित्राए दसगच्छगयाए सेटीए अन्नमनभासो दुरूवूणो, से तं अणाणुपुब्बी 4 / से तं सामायारीबाणुपुव्वी 5 / // सू० 118 // से किं तं भावाणुपुवी ?, 2 तिविहा पराणत्ता, तंजहापुव्वाणुपुब्धी पच्छाणुपुब्बी श्रणाणुपुब्बी 1 / से किं तं पुवाणुपुब्वी ?, 2 उदइए उवसमिए खाइए खोवसमिए पारिणामिए संनिवाइए, से तं पुवाणुपुबी 2 / से किं तं पच्छाणुपुवी ?, 2 सन्निवाइए जाव उदइए, से तं पच्छाणुपुब्बी 3 / से कि तं श्रणाणुपुवी ?, 2 एपाए चेव एगाइपाए एगुत्तरित्राए छगच्छगयाए सेढीए. अन्नमनभासो दुरूवृणो, से तं श्रणाणुपुव्वी 4 / से तं भावाणुपुव्वी, से तं प्राणुपुव्वी 5 / पाणुपुब्बित्ति पदं समत्तं // सू० 111 // से किं तं णामे ?, णामे दसविहे पराणत्ते, तंजहा-एगणामे दुणामे तिणामे चउणामे पंचणामे छणामे सत्तणामे अट्ठणामे नवणामे दसणामे ॥सू. 120 // से किं तं एगणामे ?, 2 णामाणि जाणि काणिवि दव्वाण गुणाण पजवाणं च / तेसिं पागमनिहसे नामंति परुविना सराणा // 17 // से तं एगणामे / / सू० 121 // से कि तं दुनामे ?, 2 दुविहे