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________________ श्रीमदनुयोगद्वार-सूत्रम् ] [53 होंति ?, सव्वद्धा, एवं दोगिणवि 5 / संगहस्स पाणुपुव्वीदव्वाणं कालतो केवचिरं अंतरं होंति ?, नत्थि अंतरं, एवं दोरिणवि 6 / संगहस्स श्राणुपुवीदवाइं सेसदव्वाणं कइभागे होजा ? किं संखेजइभागे होजा असंखेजइभागे होजा संखेज्जेसु भागेसु होजा असंखेज्जेसु भागेसु होजा ?, नो संखेजइभागे होजा नो असंखेजइभागे होजा नो संखेज्जेसु भागेसु होजा नो असंखेज्जेसु भागेसु होजा, नियमा तिभागे होजा, एवं दोनिवि 7 / संगहस्स आणुपुव्वीदवाई कयरंमि भावे होजा ?, नियमा साइपारिणामिए भावे होजा, एवं दोनिवि 8 / अप्पाबहुं नत्थि / से तं अणुगमे, से तं संगहस्स अणोवणिहिया दव्वाणुपुब्बी, से तं अणोवहिया दव्वाणुपुव्वी 1 // सू० 15 // से किं तं उवणिहिया दवाणुपुवी ?, 2 तिविहा पन्नत्ता, तंजहा-पुव्वाणुपुव्वी पच्छाणुपुव्वी अणाणुपुव्वी य // सू० 16 // से कि तं पुव्वाणुपुव्वी ?, 2 धम्मस्थिकाए अधम्मत्थिकाए भागासथिकाए जीवत्थिकाए पोग्गलस्थिकाए अद्धासमए, से तं पुव्वाणुपुव्वी 1 / से किं तं पच्छाणुपुवी ?, 2 श्रद्धासमए पोग्गलत्थिकाए जीवत्थिकाए अागास. स्थिकाए अहम्मत्थिकाए धम्मत्थिकाए, से तं पच्छाणुपुव्वी 2 / से किं तं अणाणुपुब्बी ?, 2 एयाए चेव एगाइआए एगुत्तरित्राए छगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दूरूवूणो, से तं श्रणाणुपुव्वी 3 // सू० 17 // श्रहवा उवणिहिश्रा दव्वाणुपुव्वी तिविहा पनत्ता, तंजहा-पुव्वाणुपुची पच्छाणुपुव्वी अणाणुपुब्बी, से किं तं पुव्वाणुपुवी ?, 2 परमाणुपोग्गले दुपएसिए तिपएसिए जाव दसपएसिए संखिजपएसिए असंखिजपएसिए अणंतपएसिए, से तं पुव्वाणुपुत्वी 1 / से किं तं पच्छाणुपुवी, 2 अणंतपएसिए असंखिजपएसिए संखिजपएसिए जाव दसपएसिए जाव तिपएसिए दुपएसिए परमाणुपोग्गले, से तं पच्छाणुपुव्वी 2 / से किं तं श्रणाणुपुब्बी ?, 2 एअाए चेव एगाइपाए एगुत्तरित्राए अणंतगच्छगयाए
SR No.004375
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 14
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages154
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nandisutra, & agam_anuyogdwar
File Size17 MB
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