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________________ [ 51 भीमनुयोगद्वार-सूत्रम् ] अवत्तव्वगदव्वाइं पएसट्टयाए विसेसाहिबाई आणुपुत्वीदव्वाइं पएसट्टयाए अणंतगुणाई, दवट्ठपएसट्टयाए सव्वत्थोवाइं णेगमववहाराणं अवत्तव्वगदब्वाइं दबट्टयाए अणाणुपुबीदव्वाइं दवट्ठयाए अपएसट्टयाए विसेसाहियाई यवतव्वगदबाइं पएसट्टयाए विसेसाहिबाई श्राणुपुब्बीदवाई दव्वट्ठयाए असंखेजगुणाई, ताई चेव पएसट्टयाए अणंतगुणाई, से तं अणुगमे, से तं नेगमववहाराणं श्रणोवणिहिया दव्वाणुपुवी // सू० 81 // से किं तं. संगहस्स अणोवणिहिया दव्वाणुपुब्वी ?, 2 पंचविहा पराणत्ता, तंजहा-अट्ठपयपरूवणया 1 भंगस मुकित्तणया 2 भंगोवदंसणया 3 समोथारे 4 अणुगमे 5 // सू० 10 // से किं तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया ?, 2 तिपएसिए श्राणुपुब्बी चउप्पएसिए आणुपुवी जाव दसपएसिए श्राणुपुब्बी संखिजपएसिए श्राणुपुव्वी असंखिजपएसिए थाणुपुव्वी अणंतपएसिए श्राणुपुव्वी परमाणुपोग्गले श्रणाणुपुब्धी, दुपएसिए अवत्तव्वए, से तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया / / सू० 11 // एयाए णं संगहस्स अट्ठपयपरूवणयाए कि पोपणं ?, एमाए णं संगहस्स अट्ठपयपरूवणयाए संगहस्स भंगसमुक्त्तिणया कजइ 1 / से कि तं संगहस्स भंगसमुक्त्तिणया ?, 2 अत्थि आणुपुव्वी 1 अत्थिं अणाणुपुवी 2 अस्थि अवत्तव्वए 3, श्रहवा अत्थि प्राणुपुवी अ अणाणु. पुवी श्र 4 ग्रहवा अत्थि प्राणुपुव्वी अ अवतव्वाए श्र५ अहवा अस्थि श्रणाणुपुव्वी अ अवतव्वए अ६ ग्रहवा अत्थि प्राणुपुब्बी अ अणाणुपुव्वी अ अवत्तव्वए अ७, एवं सत्त भंगा, से तं संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया 2 / एयाए णं संगहस्स भंगसमुक्त्तिणयाए किं पयोयणं ?, एयाए णं संगहस्स भंगसमुकित्तणयाए संगहस्स भंगोवदंसणया कीरइ 3 // सू० 12 // से किं ते संगहस्स भंगोवदंसणया ?, 2 तिपएसिया श्राणुपुवी परमाणुपोग्गला अणाणुपुवी दुपएसिया अवत्तव्यंए, अहवा लणया 2 / एमालए य 5 एवं सत्तबा अस्थि प्राणप यहवा अस्थि
SR No.004375
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 14
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages154
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nandisutra, & agam_anuyogdwar
File Size17 MB
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