________________ 134] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / चतुर्दशमी विभागा 13 / से कि तं भावसंखा ?, 2 जे इमे जीवा संखगइनामगोत्ताई कम्माई वेदेन्ति 14 / से तं भावसंखा, से तं संखापमाणे, से तं भावपमाणे, से तं पमाणे 15 / पमाणेत्ति पयं समत्तं // सू० 146 // .. से किं तं वत्तव्वया ?, 2 तिविहा पराणत्ता, तंजहा-ससमयवत्तव्वया परसमयवत्तव्वया ससमयपरसमयवत्तव्वया 1 / से किं तं ससमयवत्तव्वया ?, 2 जत्थ णं ससमर ाघविजइ पराणविजइ परूविजइ दंसिजइ निदंसिज्जइ उवदसिजइ, से तं ससमयवत्तव्वया 2 / से किं तं परसमयवत्तव्या ?, 2 जत्थ णं परसमए बाघविजइ जाव उवदंसिज्जइ, से तं परसमयवत्तव्वया 3 / से किं तं ससमयपरसमयवत्तव्या ?, 2 जत्थ णं ससमए परसमए श्राघविजइ जाय उवदंसिजइ, से तं ससमयपरसमयवत्तव्वया 4 / इपाणी को णश्रो कं वत्तव्वयं इच्छइ ?, तत्थ णेगमसंगहववहारा तिविहं वत्तव्वयं इच्छति, तंजहा-ससमयवत्तव्वयं परसमयवत्तव्वयं ससमयपरसमयवत्तव्वयं 5 / उज्जुसुरो दुविहं वत्तव्वयं इच्छइ, तंजहा-ससमयवत्तव्वयं परसमयवत्तव्वयं, तत्थ णं जा सा ससमयवत्तव्वया सा ससमयं पविट्ठा जा सा परसमयवत्तव्वया सा परसमयं पविट्ठा, तम्हा दुविहा वत्तव्यया, नत्थि तिविहा वत्तव्वया 6 / तिरिण सदणया एवं गं) ससमयवत्तव्वयं इच्छंति, नत्थि परसमयवंतव्वया, कम्हा ?, जम्हा परसमए अण? अहेऊ शसभावे अकिरिए उम्मग्गे अणुवएसे मिच्छादंसणमितिकटु, तम्हा सव्वा ससमयवत्तव्बया, णत्थि परसमयवत्तव्वया, णत्थि ससमयपरसमयवत्तव्वया 7 / से तं वत्तव्वया 8 // सू० 147 // से किं तं अस्थाहिगारे ?, 2 जो जस्स अज्झयणस्स प्रत्याहिगारो, तंजहा-सावजजोगविरई उकित्तण गुणवत्रो य पडिबत्ती / खलियस्स निंदणा वणतिगिच्छ गुणधारणा चेव // 123 // से तं प्रत्थाहिगारे॥ सू० 148 // से किं तं समोसारे ?, 2 छबिहे पराणत्ते, तंजहा–णामसमोबारे वणासमोथारे दव्वसमोसारे खेत्तसमोथारे कालसमोथारे भावसमोथारे / /