________________ 108 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धु :: चतुर्दशमो विभागः सहस्साइं 74 / अपजत्तय संमुच्छिम-भुपरिसप्प-थलयर-पंचिंदिव जाव गोयमा ! जहराणेणं अन्तोमुहुत्तं उक्कोसेणं अन्तोमुहुत्तं 75 / पजत्तगसंमुच्छिम-भुपरिसप्प-थलयर-पंचिंदिय जाव गोयमा ! जहरणेणां अन्तोमुहुत्तं उकोसेगां बायालीसं वाससहस्साई अन्तोमुहुत्तूणाई 76 / गब्भवक्कंतिय-भुअपरिसप्प-थलयर-पंचिंदिय जाव गोयमा ! जहरणेगां अन्तोमुहुत्तं उक्कोसेणां पुत्वकोडी 77 / अपजत्तय गम्भवक्कंतिय भुपरिसप्पथलयर-पंचिंदिय जाव गोयमा ! जहन्नेणवि अन्तोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अन्तोमुहुत्तं 78 / पजत्तय-गम्भवक्कंतिय-भुपरिसप्प-थलयर-पंचिंदिय जाव गोयमा ! जहराणेणां अन्नोमुहुत्तं उक्कोसेगां पुव्वकोडी अन्तोमुहुत्तूणा 71 / खहयरपंचिंदिय जाव गोयमा ! जहरणेणां अन्तोमुहुत्तं उकोसेगां पलियोवमस्स असंखेजइभागो 80 / समुच्छिम-खहयर-पंचिंदिय जाव गोयमा ! जहरणेगां अन्तोमुहुत्तं उक्कोसेगां बावत्तरि वाससहस्साई 81 / * अपजत्तग-संमुच्छिम-खहयर-पंचिंदियपुच्छा, गोयमा ! जहरणेणां अन्तोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अन्तोमुहुत्तं 82 / पजत्तग-संमुच्छिम-खहयर-पंचिंदिय जाव गोयमा ! जहन्नेगां अन्तोमुहुत्तं उकोसेगां बावत्तरि वाससहस्साई अन्तोमुहुत्तूणाई 83 / गम्भवक्कंतिय-खहयर-पंचिंदिय जाव गोयमा ! जहराणेगां अन्तोमुहुत्तं उकोसेगां पलिग्रोवमस्स. असंखेजइभागो 84 / अपजत्तग-गब्भवक्कंतिय-खहयरपंचिंदिय जाव गोयमा ! जहराणेणवि अन्तोमुहुत्तं उक्कोसेणां अंतोमुहुत्तं 85 / पजत्तग-खहयर-पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिश्राणां भत्ते ! केवइयं कालं ठिई पराणत्ता, गोयमा ! जहराणेगां अन्तोमुहुत्तं उक्कोसेगां पलिग्रोवमस्स असंखिजइभागो. अंतोमुहुत्तूणो 86 / एत्थ एएसि गां संगहणिगाहायो भवंति, तंजहासमुच्छिमपुव्वकोडी चउरासीइं भवे सहस्साइं / तेवराणा बायाला बावत्तरिमेव पक्खीणं // 111 // गभंमि पुवकोडी तिगिण य