________________ भागदावरपकालम् / अध्ययनं 1] 'गंतइजिणोऽवि / चउसागरनामे(माणे)हिं अणंतईतो जिणो धम्मो // 12 // धम्मजिणाओ संती तिहि उ तिचउभागलिअउणेहिं / अयरेहि समुप्पण्णो पलिअद्धेणं तु कुंथुजिणो // 13 // पलिअचउभाएणं कोडिसहस्सूणएण बासाणं / कुंथूओ अरनामो कोडीसहस्सेण मजिजिणो // 14 // मविजिणाओ मुणिसुन्बओ य चउपण्णवासलक्खेहिं / सुव्वयनामाओ नमी लक्खेहिं छहि उ उप्पण्णो // 15 // पंचहि लवखेहिं तओ अग्दुिनेमी जिणो समुप्पण्णो / तेसीइसहस्सेहि सएहि अट्ठमेहिं च / / 16 / नेमीओ पासजिणो पासजिणाओ य होइ वीरजिणो / अडाइन्जसएहिं गएहिं चरमो समुप्पण्णो // 17 // उसमे भरहो अजिए सागरो मघवं सणंकुमारो श्र। धम्मस्स य संलिस्स य जिणंतरे चक्वट्टिदुगं // 416 // संती कुथू अ अरो अरहंता घेव चकवट्टी श्र।अरमल्लीयंतरे उ हवइ सुभुमो य कोरवो // 417 // मुणिसुव्वए नमिमि श्र हुँति दुवे पउमनाभहरिसेणा / नमिनेमिसु जयनामो अरिट्टपासंतरे बंभो // 418 // बत्तीसं घरयाई काउं तिरियायताहिं रेहाहिं / उट्टाययाहिं काउं पंच घराई तओ पढमे // 1 // पन्नरस जिण निरंतर सुन्नदुगं तिजिणसुन्नतियगं च / दो जिण सुन्न जिणिंदो सुन्न जिणी सुन दोणि जिणा // 2 // बितियपंतिठवणा-दो चक्की सुन्न तेरस पण चकी सुन्न चकि दो सुना / चक्की सुन्न दुचकी सुन्नं चको दु सुन्नं च // 3 // वत्तियपतिठवणा दस सुन्न पंच केसव पणसुन्न केसि सुन्न केसी य / दो सुन्न केसवोऽवि य सुनदुगं केसव ति सुन्नं // 4 // पंचरहते वंदति (पंचरिहते बंदिसु ) केसवा पंच श्राणुपुवीए / सिज्जंस तिविट्ठाई धम्म पुरिससीहपेरंता // 411 // परमल्लियंतरे दुरिण केसवा पुरिसपुंडरिश्रदत्ता / मुणिसुव्वय-नमिअंतरि नारायण कराहु नेमिमि // 420 // चकिदुगं हरिपणगं पण.गं चकीण वे.सवो चकी। वस्व चक्की केसव दु चकी केसी अ चकी श्र॥ 421 // (भा०) अह भणइ नरवरिंदो ताय ! इमोसित्तिआइ परिसाए / अण्णोऽवि कोऽवि होही भरहे वासंमि तित्ययरो ? // 44 // __तत्य मरीईनामा थाइपरिवायगो उसभनत्ता / समायझाणजुत्तो एगते झायइ महप्पा // 422 // तं दाएइ जिणिंदो एवं नरिदेण पुच्छियो