________________ श्रीमती ओपनियुक्तिः ] बत्तीसंगुलदीहं चवीसं अंगुलाई दंडो से। श्रीगुला दसायो एगयरं हीणमहियं वा // 708 // उरिणयं उट्टियं वावि, कंबलं पायपुच्छणं / तिपरीयल्लमणिस्सटुं, रयहरणं धारए एगं // 701 // थायाणे निवखेवे ठाणनिसीयम तुपट्टसंकोए / पुर्व पमजणट्ठा लिंगट्ठा चेव रयहरणं // 710 // चउरंगुलं विहत्थी एवं मुहणंतगस्स उ पमाणं / वितियं मुहप्पमाणं गणणपमाणेण एक्केवकं // 711 // संपातिमरयरेणू पमजणट्ठा वयंति मुहपत्तिं / नासं मुहं च बंधइ तीए वसहिं पमजतो॥७१२ // जो मागहो पत्थो सविसेसतरं तु मत्तयपमाणं / दोसुवि दवग्गहणं वासावासासु अहिगारो // 713 // सूबोदणस्स भरिउं दुगाउपद्धाणमागयो साहू / भुजइ एगट्ठाणे एवं किर मत्तयपमाणं // 714 // संपाइमतसपाणा धूलि सरिक्खे य (सरवखा) परिगलंतमि / पुढविदगअगणि-मास्यउद्धमण खिसणा डहरे // 715 // आयरिए य गिलाणे पाहुणए दुल्लभे सहमदाणे / संसत्तभत्तपाणे मत्तगपरिभोग अणुनाश्रो // 716 // एवकमि उ पाउग्गं गुरुणो बितियोग्गहे य पडिकुटुं। गिराहइ संघाडेगो धुवलंभे सेस उभयपि // 717 // असई लाभे पुण मतए य सव्वे गुरूण गेरहंति / एसेव कमो नियमा गिलाणसेहाइएसुपि // 718 // दुल्लभदव् व सिया घयाइ तं मत्तएसु गेगहति / लद्धेवि उ पजत्ते असंथरे सेसगट्ठाए // 711 // संसत्तभत्तपाणेसु वावि देदो सेसु मत्तए गहणं / पुवं तु भत्तपाणं सोहेउ छुहंति इयरेसु // 720 // दुगुणो चउग्गुणो वा हत्थो चउरंस चोलपट्टो उ। थेरजुवाणाणट्ठा सराहे थुल्लंमि य विभासा // 721 // वेउविवाउडे वातिए हिए खद्धपजणणे चेव / तेसिं अणुग्गहत्था लिंगुदयट्ठा य पट्टो उ // 722 // संथारुत्तरपट्टो अड्डाइजा य श्रायया हत्था। दोराहपि य वित्थारो हत्थो चउरंगुलं घेव // 723 // पाणादिरेणुसारक्खणट्टया होंति पट्टगा चउरो / छप्पइय