________________ [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / द्वादशमो विभाग: __ (भा०) दुविहं होइ पमाणं काले भिक्खा-पसमागं च / सन्ना भिक्खायरिआ भिक्खे दो काल पढमहा // 213 // आरेण भदपंता भांग उठवण भंडण पदोसा। दोसीणपउरकरणं ठवियगदोसा य भइंमि // 214 // अदागऽमंगलं वा उम्भावण खिंसणा हणण पंते। फिडिउग्गमे य ठविया भद्दगचारी किलिस्सया // 215 // भिव खस्सवि य अवेला ओसकाहिसकणे भये दोसा / भद्दगपंतातोया तम्हा पत्ते चरे काले // 216 // आवस्सग' सोहे पविसे भिक्खस्सऽसोहणे दोसा / उग्गाहिभवोसिरगे दवअसईए य उड्डाहो // 27 // अइहरगमणफिडिओ अलहंतो एसपि पेल्लेजा। छावण पंतवण धरणे मरगं च छक्काया // 218 // ____एकाणियस्स दोसा इत्थी साणे तहेब पडिणीए। भिक्खाविसोहि महब्धय तम्हा सबितिजए गमणं // 412 // दारं। (भा०) संघाडणेऽगहणे दोसा एगस्स इत्थियाउ भवे / साणे भिक्खुवओगे संजमारगयरदोसा // 219 // दोपिण उदुरिसतरा एगोत्ति हणे पदुट्ठपठिणोए / तिघरगहणे असोहो अग्गहण पदोसपरिहाणी // 220 / पाणिरहो तिसु गहणे पजगे कोटलस्स विनियं तु / नेणं उछु हाई परिग्गहोऽणेसणग्गहणे // 221 // विहवा पउत्थवइया पयारमलभंति दटुमेगागि दारपिहाण र गहणं इच्छमणिच् य दोसा उ // 222 // गारविए काहीए माइल्ले अलस लुद्ध निद्धम्मे / दुल्लभ अत्ताहिठिय श्रमणुन्ने वा असंघाडो // 413 // दारगाहा / (भा०) संघाडगरायणिओ अलडिओमो य लडिसंपन्नो / जेहग्ग पडिग्गहगं मुह (य) गारवकारणा एगो // 223 // काहोउ कहेइ कहं बिइओ वारेह अहव गुरुकहणं / एवं सो एगागी माइल्लो भद्दगं भुजे // 224 // अलसो चिरं न हिंडइ लडो ओहासए विगईओ। निडम्मोऽसणाई दलहभिक्खे व एगागो // 229 // अत्ताहिडियजोगी असंखडोओ वऽणि सव्वेसिं / एवं सो एगागा हिंग्ह उवएसऽणुवदेसा // 226 / / सव्वोवगरणमाया असहू आयारभंगण सह / नयणं तु मत्तगासा न य परिभोगो दिणा कज्जे // 27 // आपुच्छणत्ति पढमा विइया पङिपुच्छणा य कायव्वा / आवस्सिया य तइया जस्स य जोगो उत्थो उ // 228 //