________________ श्रीमती ओघनियुक्तिः ] ... . वणओ उ // 44 // जह नरवणो आणं अइकमंता पमायदोसेणं / पावंति पंधवहरोहछिन्नमरणावसाणाई // 45 // तह जिणवराण आणं अइकमंता पमायदोसेणं / पावंति दुग्गइपहे विणिवायसहस्सकोडोओ // 46 // तित्थगरवयणकरणे आयरिआणं कयं पए होइ / कुजा गिलाणगस्स उ पढमालिअ जाव पहिगमणं // 47 // जइ ता पासत्थोसण्ण-कुसीलनिण्हवगाणंपि देसि करणं / चरणकरणालसाणं सम्भावपरंमुहाणं च // 48 // किं पुण जयणाकरणुज्जयाण दंतिदिआण गुत्ताणं ? / संविग्गविहारीणं सव्वपयत्तेण कायव्वं // 49 // एवं गेलनट्ठा वाघायो ग्रह इयाणि भिक्खट्ठा। वइयग्गामे संखडि सन्नी दाणे अभद्दे श्र॥८४॥ उव्वत्तणमप्पत्तं च पडिच्छे खीरगहण पहगमणे / वोसिरणे छकाया धरणे मरणं दवविरोहो // 55 // खद्धादा. णियगामे संखडि पाइन्न खद्ध गेलन्ने / सरणी दाणे भद्दे अप्पत्तमहानिनादेसु // 86 // पड्डष्ट्रिवीर सतरं घयाइ तकस्स गिराहणे दीहं / गेहि विगिचणिअभया निसट्ट सुवणे श्र परिहाणी // 87 // गामे परितलिअगमाइमग्गणे संखडी छणे विरुवा / सरणी दाणे भद्दे जेमणविगई. गहण दीहं // 8 // यह जग्गइ गेलन्नं अस्संजयकरण-जीववाघायो / इच्छमणिच्छे मरणं गुरुवाणा छड्डणे काया // 81 // तकोयणाण गहणे गिलाण प्राणाझ्या जढा होति। अप्पत्तं च पडिच्छे सोचा अहवा सयं नाउं // 10 // दूरुट्टिय खुड्डुलए नव भड अगणी अ पंत पडिणीए। अप्पत्तपडिच्छण पुच्छ बाहिं अंतो पविसिव्वं // 11 // कवखडखेत्तचुत्रो वा दुब्बल अद्धाण पविसमाणो वा। खीराइगहण दीहं बहुँ च उवमा श्रयकडिल्ले // 12 // जे चेव पडिच्छणदीह-खद्धसुवणेसु वरिणा दोसा / ते चेव सपडिवक्खा होंति इहं कारणजाए // 13 // ___ (भा०) विहिपुच्छाए सण्णी सोउपविसे न पाहि संचिक्खे / उग्गमदोसभएणं चोयगवयणं बहिं ठाउ // 50 // सोचा दट्ठगं वा बाहिठिअं उग्गमेगयर कुज्जा / अप्पत्तपविट्ठो पुण चोयग ! द९ निवारेजा // 51 //