________________ कल्पसूत्र // 36 // वरकडग-तुडिय-थंभियभूए, अहियरूव-सस्सिरीए, कुंडल-उज्जोइ- सूत्र आणणे, मउड-दित्तसिरए हारुत्थय-सुकय-रइय-वच्छे, मुहिया-पिंगलंगुलिए, पालंब पलंबमाण-सुकय-पडउत्तरिज्जे, नाणा-मणि-कणगरयण-विमल-महरिह-निउणोवचिय-मिसिमिसिंत-विरइय-सुसिलिट्ठविसिट्ठ-लट्ठ-आविद्ध-वीरवलए, किं बहुणा ? कप्परुक्खएविव अलंकिय-विभूसिए नरिंदे, सकोरिट-मल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं / सेयवर-चामराहिं उडुब्वमाणीहिं मंगल-जयसद्द-कयालोए अणेग