________________ कल्पसूत्र // 104 // माढरस-गुत्तेहिंतो इत्थ णं उच्चनागरी साहा निग्गया 2 // 12 // सू. 13 // (240) // थेरस्स णं अज्जसंतिसेणियस्स माढरसगुत्तस्स इमे चत्तारि थेरा अंतेवासी अहावच्चा अभिण्णाया हुत्था, तंजहाM (ग्रंथाग्रं 1000) थेरे अज्जसेणिए 1 थेरे अज्जतावसे 2 थेरे अज्जकुबेरे 3 थेरे अज्जइसिपालिए 4, 1 थेरेहितो णं अज्जसेणिएहितो इत्थ णं अज्जसेणिया साहा निग्गया, थेरेहितो णं अज्जतावसेहितो इत्थ णं अज्जतावसी साहा निग्गया, थेरेहितो णं अज्जकुबेरेहितो // 104 //