________________ कल्पसूत्र // 103 / / चत्तारि साहाओ // 1 // से तं साहाओ 2 / से किं तं कुलाइं? कुलाई / एवमाहिज्जंति, तं जहा-पढमित्थ बंभलिज्जं 1 बिइयं नामण वत्थ। लिजं तु। तइयं पुण वाणिज्जं 3 चउत्थयं पण्हवाहणयं 4 // 1 // 3 // थेराणं सुट्ठिय-सुप्पडिबुद्धाणं कोडियकाकंदगाणं वग्यावच्चसगुत्ताणं / / इमे पंच थेरा अंतेवासी अहावच्चा अभिण्णाया हुत्था, तं जहा-थेरे अज्जइंददिन्ने 1 थेरे पियग्गंथे 2 थेरे विज्जाहरगोवाले कासवगुत्ते णं 3 थेरे इसिदिन्ने (दत्ते) 4 थेरे अरिहदत्ते 5, 4 / थेरेहितो णं // 10 //