________________ कल्पसूत्र // 84|| विइकंता, एयंमि समए महावीरो निव्वुओ, तओऽविय णं परं नव / वाससयाई विइकंताई, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ 10 // सू. 195 // | सुविहिस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स दस सागरोवम-कोडिओ विइकंताओ सेसं जहा सीअलस्स, तं च इम-तिवासअद्धनवम-मासाहिय-बायालीस-वाससहस्सेहिं ऊणिआ(इं) विइक्वंता(इं) इच्चाइ(अं) ९॥सू. 196 // चंदप्पहस्स णं अरहओ जाव . // 84||