________________ कल्पसूत्र // 79 // पायवस्स अहे अट्ठमेणं (छटेणं) भत्तेणं अपाणएणं चित्ताहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं झाणंतरियाए वट्टमाणस्स अणंते जाव जाणमाणे पासमाणे विहरइ ॥सू. 174 // अरहओ णं अरिट्ठनेमिस्स अट्ठारस गणा अट्ठारस गणहरा हुत्था // सू. 175 // अरहओ णं अरिट्ठनेमिस्स वरदत्त-पामुक्खाओ / अट्ठारस समण-साहस्सीओ उक्कोसिया समण-संपया हुत्था / ॥सू. 176 // अरहओ णं अरिट्टनेमिस्स अज्जजक्खिणि-पामुक्खाओ / // 79 //