________________ करपसत्र मूळ // 56 // परिभाइत्ता दाणं दाइयाणं परिभाइत्ता // सू. 112 // तेणं काले णं / / तेणं समए णं समणे भगवं महावीरे जे से हेमंताणं पढमे मासे / पढमे पक्खे मग्गसिर-बहुले तस्स णं मग्गसिरबहुलस्स दसमी पक्खे / णं पाईण-गामिणाए छायाए पोरिसीए अभिनिविट्टाए पमाणपत्ताए। सुब्बए णं दिवसे णं विजए णं मुहुत्ते णं चंदप्पभाए सिबियाए / सदेवमणुयासुराए परिसाए समणुगम्ममाणमग्गे संखिय-चक्कियलंगलिय-मुहमंगलिय-बद्धमाण-पूसमाण-घंटियगणेहिं ताहिं इट्ठाहिं M // 16 //