________________ ॥४या तएणं समणे भगवं महावीरे माउय-अणुकंपणछाए निच्चले / निष्फंदे निरयणे अल्लीण-पल्लीणगुत्ते यावि होत्था // सू. 91 // तएणं / तीसे तिसलाए खत्तियाणीए अयमेयारूवे जाव संकप्पे समुप्पज्जित्था। हडे मे से गम्भे ? मडे मे से गन्भे ? चुए मे से गब्भे ? गलिए मे से गन्भे ? एस मे गन्भे पुब्बिं एयइ, इयाणिं नो एयइ / त्ति कटु, ओहय-मणसंकप्पा चिंतासोग-सागरं पविट्ठा, करयलपल्हत्थ-मुही अट्टज्झाणोवगया भूमिगय-दिट्ठिया झियायइ, तं / // 46 //