SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 64
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 3322222222222 श्री बृहत्कल्पसूत्रं 0 उद्देशकः 5] [6] : पलंबियवाहियाए ममतलपाइयाए हिच्या आयात्रणाए आयावेत्तए : '२६९॥सू.२४॥ नो कप्पर निराए हाणारा (Dयाए होत्तए।सू.२५॥ नो कंप्य निधीए परिमाइयाए होलाए ।।सू. 26 // नो कप्य निग्गन्धीए नेसिज्जियाए होलाए ।सू.२७॥ नो कप्पइ निग्गन्धीए उझरियामणिया ए होत्तए / म 24 नो कप्पर निगान्धी ए वीरामणियाँए होत्तए / सू.२९ लो प्य लिए दण्डासणियाए होत्तए ।।मू. 30 // नो कप्पद निलायमइयाए होत्तए।सू. 31 // जो कप्यइ निगधीर मोमबियाए होता // सू. ३६॥नो कप्पइ निगान्धीए उत्ताणियाए होना / सू.३३।। जो. कापड निगान्धीए अम्बज्जियाए होत्तए॥१.३॥ नो कप्पा नियनपीए एगपासियाए होत्तए 281 सू०३५।।नो कप्पड़ जिगाली भाउणपट्टा धारेत्तए वा परिह रित्तए बा // सू०३६।। कप्यइ , जिगान्धाण आउञ्णपट्टा धारेत्तए वा परिह रित्तए वा ॥सू. 31) जो कप्पर जिग्गन्धी साजरसय मि आसमिचि दित्तए वा निमीत्तए बा) आसइनए वा तुहितए वा / / 038 // कप्पा जिग्गन्धाण सावस्सय सि आसणंसिचिटितए वा निमीइनए वा आसइन्तए वा तयत्तिए वा स. 39 // लो कप्यइ निगाधी सविसाकसि फलग मि वा पीटंमि वा जाव नयहिता वा / / सु. 10 // कप्पर निगामा जाउ दुहितए वा '289 सू. 42 जो कप्पर जिन सचेण्टय लाउय धारेलए वा परि. हरिनए वासू.४२ का जिम्मा सरेण्टय लाउय धारेत्तए वा परिर रित्तए वा 2901 / 043 // ने कप्पर निगान्धीणं सवेण्या पायके सरिया धारेता वा पनिहरितएव स माप्पड नियन्माण सवे. एया पायकेसरिया धारेत्तए वा परिह रित्तए वा '२९१॥मू. 45 // जो कप्पड़ लिगाधी दारुदत्य पायपुश्च धारेनए वा परिहरित्तए वा / ॥सू.४६ कप्पा जिगान्धा टारुदत्य पायपुऋण धारेलए वा परिहरित्तए वा'२९२.४॥नो कप्या निग्गन्धा वा निगान्धीण वा अन्नमन्नरूस मेटाइगर वा आयोमत्तए वा नन्नय गाठागाटेसु रोगायझेम 312. सू.!! नो कप्पर निशानभाए वा निगान्धी वा पारियासियस्स आहार जान तयामाणमेनमवि भूप्माणमेन्तमवि बिदुप्पमाणमेन्त FFERRRRRRRRRRE
SR No.004370
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nishith, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, agam_dashashrutaskandh, agam_jitkalpa, & agam_panchakalpa_bhashya
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy