________________ श्री दशा श्रुत स्कन्धसूत्र 00 वश 20) 267 पम्मामि देने जम्य गुमपणे * अण्णा Gणदरी महामोह परब्बा। एने मोरगुणा कुत्ता कम्मन्ना चित्तता अभिमन्यू विगज्जेज्या परिजसगवेसए अंपि जाणे मी पुजाकि. वजहें। ते पन्ता ताणि सचिज्जा हि भायार सि // 4 // आधारश्ते सुप्रप्या धम्म विद्या भणुत्तरे। ततो बामे समोसे मिस सौविसी जहा सुज्झना सुचतम्रोसेसुदप्पा धम्मदी विदिता परे। बहेव लभते किसिं ऐच्चा य सुगतिवरे एवं अभिसमा: गम्म सूरी दरपरकमा / सब्वमोहविनिम्मका जातिमरणमति. खियमि / हननम दसा ममता" / . अय आतिस्थानाख्यं दशममध्ययनम्। ने जाणो ने समएस रायझिो नाम परे होन्या समो. गुमसिलए गए राजिहे नगरे सजिए नाम राया होत्या रायबगणओएवढा मोवाइडर जा चेल्लणाए सहिजार विहर। सू०३७॥ तए णं से सगिए राथा अण्णथा कयाई हाए कयन लिकम्मे कथनोग्यमगलपायधिले सिरसाहाते कंठमालकडे भाविद्यमणिसुवण्णे कप्पियहारडहारे तिसरथ-पालबपलबमा. ग.कडिसुससुझयसोहे पिणपगेविज्जे अगुले जग जाव कण - मएचे अलंक्रियविभूसिए नारि सकीररमल्लदामेण धस धरिजमाणगं जान ससिल पियन्सयो नरबई जेणेव बाहिरिया उबदगाणसाला जेणेष सीहासणे नेणेर उवागरता सीहामणपरंसि पुरणाभिमुहे निस्सीय सा कोडंबियपुरिसे सहायता एर्ग बदामी- TREE तुट्टो देवाणप्यिथा / जाई इमाई रायगिहम्म नगरसबहिया तजहा- आरामाणि य उजाणाnि य आसगाजिय भायतणाणिय देवकुलाणिय सभाओ यपवाभीय पणियगिहाण यपणियसालाीय हाकम्मंताणिय वाणियकम्मंताणि य एक कम्मताणि य इंगलकामंताणि च वणकम्मंताणिय दमकम्यतालिय 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎