SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 244
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 獎獎獎獎獎獎獎獎獎選獎獎獎 श्री व्यवहार सूत्र : उद्देशक. 10 2 .1] सचउप्पथाइ, आहार कस्सीपीसत्तेहिं परिनियत्ते, अण्णायं उ/ सुद्धोवहीं कप्यइ जाव को आगरेज्जा ९।एवं तय तिणि जाब पन्तरसीए पन्नरस 10 / बहलपम्यस्य पडियए से कप्यति चौदस जाव चोदसीए एका इनी भोयरस एक्का प्रस्म मध्ये प्रयचउप्पय जावनो आहारेजा अमावासाए से य अभत्तहे भवद 11' एवं खलु एमा जबमझचंदपीडमा अहासुत अहाकप्यं जाव अणुपातिया भवति 12.1 // वाइरमझंजचंद पाडम परियनस्स भणगारम्स मामलेच्छ यो महाकाए जाव अहियासेज्जा 1 // वरमझं चंदपोरेम पोडेवल्लम्स भागारस बालपक्चस्स परिवए काप्पड़ पण्णरस दत्ताभो भोयणस्स पोरेगाहित्तए पण्णम्स पाणगस्म,सचेहिं दुपयचउप्पय जाच जो आहारज्जासबीयाए समाप्पइचोद्दम,एवं पन्नर सीए एगा दत्ती 3 / पोरवाए से कप्यइ दो दत्तीभो,बीयाए तिन्नि जायच. उद्दसीए पण्णरस पुण्णिमाए अभन्न? भव३ 4 // एवं मनु एसा वइरमज्झंचंदपोरमा अहामुत्तं अहाकप्य जाव भणुधालिया भवइ 5 / ५.॥सू. 2 // पंचविहे ववहारे पन्जते,तं जहा आगमे सुए आणा धारणा जीएतत्य आगमे सिया आगमो वनहारे पढवियध्ये राजो से तत्य आगमै सिया,सु. एण यवहारे पहावयच मिया ।जो से तस्य सुए मिया,जह से ता आणा सिया, भाणाए ववहारे पडवेयध्ये सिया / जो से तत्य आणा मिया,जहा से तत्य धारणा मिया,धारणाए ववहारे पय सिया ५॥णो से सत्यधारणा सिया, जहा से तस्य जीए सिया,जीएण ववहारे पडवेयध्वे सिया / एएवं पंचोरें ववहारे िववहारं पडवेज्जा, तंजा - भागमेण सुएणं आ. गाए धारणाए जीएणजहा 2 आगमे सुए आणा धारणा जीए तहार ववहार पहविज्जा से किमा भन्ते !1 आगमबोलाया समा निग. न्या 9 / ध्येय पंचोवर चवहार जया 2 जरि 2 जया 2 तोहें 2 ओरिस. ओस्सियं ववहारं ववहारमाणे समणे निगान्धे आणाए आराहए भवति १०/७१५।।सू.३॥ चनौर मुरिसज्जाया पन्नता,तं जहरा-भदहकारे जामं एगे जो माणकरे, माणकरे जाम एगे जो अहकरे,एगै अदहकरोव माणकरेवि, एग जो अहकरे जो माणकरें २९/सू.४॥ चनारि परिसज्जाया पत्ता , जरा- गणटकर जाम ए जो माणकर,माणमरेजाम एगे जो गणहकरे, एगे गणहमरेच माणकरोच, एगे जो गदहकरे जो 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎
SR No.004370
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nishith, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, agam_dashashrutaskandh, agam_jitkalpa, & agam_panchakalpa_bhashya
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy