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________________ 讓聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽幾 श्री व्यवहार सूत्र उद्देशक 9] (217] अहटमो उसओ // // अथ नवमो देशकः। सागरियान भाएसै भन्नौ वगाए भुवइ लिहिए निसिटूडे पारिहारिए, तम्हा दावए जो से कप्पद परिगाईलए // मू.२॥ सागारियस्म आएसे अंतो वगाए भुञ्जइ निदिहर निसिटहे अपोडेहारिए तम्हा दावए एवं से कप्पड परिगाहेत्तए ॥सू.२॥ सागरियस्म आएसे बाहि वगाए भुञ्जइ निहिए निमिट्ढे पाहिहारिए तम्हा दावए,जो से कप्यइ परिगाहेत्तए ।सू. ३॥सागारियरस आएसे बाहिं वगराए भुंजइ जिहिए निसट्टे अपरिहारिए सम्हा दायए एवं से कप्यइ परिगाहेत्तए ।सू.४॥ सागानियस्स दासेड़ वा पेल्वे)सेइ वा भथएइ वा भइण्णएइ वा अंतो वगराए भुखद निरिए निमिष्टो पारिहारिए, तम्ह। दावए जो से कप्यह पडिगाडेलए अंतो वगा भुञ्जइ निदिहए निसिढे अपरिहारिए तम्हा दावए एवं से कप्पइ पाडगाउनए बाहिं वगडाए भुना निहिए निमिट्ठे पारिहारिए लम्हा दावए नो से कप्पइ पोडेगाहेत्तए, बाहि वगडाए मुंजइ निदिडए निस? अपरिहारिए तम्हा दावए एवं से कप्पड़ पाडगाहेत्तए॥सु.५-२॥ सागारियस्स नायए सिया सागारियस्स एगवगडाए अंतो सागाोरेयस्स एगपयाए सागारियं चोवजीवइ तम्हा दावए जो से कमाइ पोरगाहेत्तए / / 09 / / सागारियरस नाथए सिया सागारियरस एगवगराए अंतो सागारियस्स अभिनिपथाए सागारियं चौघजीवह तम्हा दावए,जो से कप्पड़ पंडिगाहेत्तए ।सू.१०॥ सागारियस्म जायए सिथा सागारियरस एगलगराए बाहिं सागारियरस एगण्याए सागारियं चोवजीवइ नम्हा दावए नो से कप्पड पाडगाहेत्तए ।सू. 1 // सागारियरस जायए सिया भा. गारियस्म एगवगराए बाहिँ सागारियरस अभिनिफ्याए सागारियं चोवजीवह तम्हा दावए नो से कप्पड परिगाहेत्तए।।सू.१२॥ सागारियरस नाथए सिया सागारियरस अभिनिवगडाए एगट्वाराए एगनिक्यमणपसाए अंतो सागारियरस एगपथाए भागारियं चोवजीवइ तम्हा दावए जो से कप्पद परिगाहेत्तए।सू. 13 // सागा रियरस नाथए सिया सागारियरस अभिनिष्ट/गडाए एगदवाराए एगनिवघमण पवे. 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎
SR No.004370
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nishith, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, agam_dashashrutaskandh, agam_jitkalpa, & agam_panchakalpa_bhashya
File Size7 MB
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