________________ [174 श्री आगम मुधा सिन्धु नवमी विभाग स्सगो तेण तू जवसु डोति सेनेन्मु / वत्यादी गडणं तस्येव य होति उ विहारो // 17 // णवहाणातिकमे पुण भनई सहाणतो विसुद्धो तु / किं पुण तं सहाण अववादो अति तो डोति // 20 // अववाएणं गहणं उस्सग्गो चेव होति सो ताहे / गिण्ड. जस्स तु कारण सुद्धी तह चेन बोधव्वा // 2001 // जह गेण्डं - तुल्सग्गे सुद्धी उबहिस्स एव बितिएणं / गेण्डंतस्स विसुद्धी सहाणं एवमक्सायं // 2002 // अडवा वि इमे अण्णे णव उ डा- .. णा वियाहिता / दव्वादीयाउ इणमो वोच्छामि अणुपुबसो॥२००३॥ दव्ने क्षेत्ते य काले य वसही भिक्कममंतरे / सज्झाइए गुरू जोगी एते हाणा वियाहिता // 2004 // दबाणाऽऽहारादीणि जादि तु सुलभाई तमि 'सेतीम / सेन विच्छिन्नं सन्नु वत्तेत सुतगगणम ||2005 // वत्तण परियटती सुणेति अन्धं गणो तु बालाही / तस पड़ति येन आ डागदीहिं संघरणं // 2006 // काने ततियाए केता उन्मही जोगा भिवय. सलभाति / गविगिदहमंतरा चिय सज्झाओ मुज्झति जा च॥२०७। // सुलभ आयरियाण जोगा जोगीण मुलभ पाउग्गं / एते ते नव हा. णा हिँ उस्सग्गेण गहणं तु॥२००८॥ उस्सग्गेण विहारो संघरमाणाण णवमु खेत्तेसु / तो सबुग्यावही णव पेन्ले यावि दगघटे॥ 2009 // णवि हरे गच्छंती णवगरस असंभवे बितियहाणं / दगघटे अहए वी पेल्ले दूरं पि गच्छेज्जा // 2010 // दुलभामि वन्यपादे ऊहिएK मि एवम् गच्छेज्जा / एमेन कि हारो वि डु सेनाणाऽमती मुणेथव्नो // 2011 // आनंबणे निमुद्धे दुगुण तिगुणं चतुग्गुण वा नि / मेनं कालातीय समगुण्णात पकप्प मि // 2012 // एस अणुण्णाकप्पो भडणा अद्धाणकप्य वोच्छामि / जेहि च कारणेहि भद्धाणं गम्मते इणमो // 2012 // असिने ओ.. मोदरिए रायट्ढे भए व आगाटे / देमुदहाणे अपरक्कमे टा अ. दाणतो पण // 2014 // उद्दहरे मुभिवाये अडाणपनज्जण तु दप्मेणं | दिवसादी चउलहुगा चउगुका कानगा डोंति // 2015 // उग्गम उप्पादण एसणार जे सलु निराहते हाणे। तं शिकणा तस्स 3 पाच्छित तु दायन्न / / 3.16 // पुहवी आऊ नेऊ चेन नाऊ ? AFF -