________________ [દુર) श्री आगम सुधा सिन्धु नवमी विभाग संबोटयमोवराहा) // 17 // संवटियावराडे नवो व छेदो तहेव मूलं च। आयापकप्पे जे पमाणणिम्माण चरिममि / / 1779 // एसो तु कालकप्पो एत्तो वोच्छामि दंमणे का / सद्दहणलरमण नू निणोनदिदडेसु भावेन्यु // 10 // उवरतधस्कायम वि आर्याश्यपरंपरागते अ. स्थे / आगादकारणेसु महसु णिमेवणं तत्थ // 17 // छक्काए सदहिउं इणमण्ण पुणो विसद्दडेयध्वं / आगाढमणागाठे आर्यास्यव्वं नु जं तत्थ // 102 // दब्बे सेते लाने भावे पुलिस निच्छि असहाए / एतेडिं कारणेहि सत्तावह होति आगाट // 17.3 // एगादीया वुइटी एगुत्तरिया य होति दव्वाणं / ओमधगपरिहाणी दग्नागाळं नियाणा // 17 जंपेति पुणो नेज्जो मच्चितं दुल्लभ व दवं ना। अपरिगतो अच्छति हिसिउं नाव मो हानि 15 // जाहे उहिदडहाणी नाहे ओमनमहोणए भति / अम्हे कारेमो जोग्गं अलंभे एयरम कि कुणिमो॥१७८६ // एवं तु डावयंता सेनं कालं 2 मामासज्ज / ता ब्रहती जान तु लंभे जेसि तु दवाणं // orOT मह पुण लभेज्ज एनं अनसमेते, कज्मदव्येहिं / एनं दव्लागाठ नहिं जए पागहाणीए // 18 // सेतागाट इणमो अमती सेनाण मासजोगाणं / असिवं या अ. पणत्या पदीय वा होज्ज रद्धा // 18 // आयरियादि भ. गारग अहना अण्णस्य मानना डोज अंतर जहिं च गति वाना तह तेणमुभियं वा // 10 // एतेहि कारणेडैि मेतागाटर्मि एरिने पत्ते / अच्छति अमळभाना एम्पेत्ते विजयणाए // 17 // कालस्य वा वि अमती नासावाने नियारणा गस्थि / एतेहिं कारणेहिं कालागाउ बियाणाहि // 72 // वासा जोगां सेनं पडिलेहेतुं तु कालो पहत्तो / वच्चंताण र अंतर वासंत गिबडितुं पायं // 1093 // उहरं तरसेनं ताहे तं र पुवसेनं तु / गंतुं वसती वासं ममतीने वीनदारानं // 175 // अतिउक्कडं व दु. वा वेदणा झने आउं / एतेहिं कारणेहिं भावागाट वि. याणाहि // 1795 // अच्मुक्कामलादी अहिडस्काई तु दणा अप्पा / तत्पग्गिनाचणादी देहच्छेदोवगादी 1056 // जमि विणदहे ग. च्छस निणासो तह य णाणचरणाणी एतेहि कारणेहिं पुरिमाया -