________________ 杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂 .. श्री पञ्चकल्प भाष्यम् / 8137] . आधारविणयकप्प गुणदीवणा अन्तसोडि उजुभावो / अर्जव महब लायब तुडी पडायमरण च // 1310 // लहुओ गुरुओ मास लहुगा गुरुगा भरे चउम्मामा / सुडग भिक्यू क्यों आयरिए अनु व विवरीय / / 1311 // जदिसुनो दिवेल जिम्ममए णिमितु गदेति / तोतेयुत्तो तं वेलं म. ब्बे गुरुणो ममुटडंति // 1212 // क्यहीय मिन्जमानो काइयभूमीय मामिय लड़यं / चत्तार य मुरिकलया ओगाडं तस बहियाए // 1313 // भित्रम् वमभायरिया अज्जा उवासमा य इत्थीओ / वादी शया संघो नाय उभयो वि // 15 // लड़ओ गुनओ मानो नहुमा गुलगा झने चउम्मामा / छम्मामा लडुगुनगा छेदो मूल नव दुग च // 1315 // वंदण चिति किइ. कम्म प्रयाकम्म चोरणयकम्म च / काय करावकेण वाचकाहे व कडमुत्तो (आ.नि. 1110) / / 1316 // कति ओणयं कमिरं कटिं च आवन्मएहि परिसुद्धं / काइदोसविप्पमुक किडकम्म कीस कीनर वा // गाह (आ.नि.१११20117289॥ सेटी समतीताणं कितिकम्म जेय होति मेटिंगना / सेठीयबाहिरण कितिकम्स होति भइयव्वं // 1318 // आर्यारयउवझाए पानि पत्तेयबुद्ध पुचधरे / केवलणाणधरम्म य कायध्वं गिजरहाए // 1319 // सेतीडाणे सीमाकज्ने चत्तारि बाहिरा ठोति / भेटीडाणे दुगभेदपाय चत्तारि वीभइया // 1320 // पत्तेयबुद्ध निणकोप्य. या य मुद्धरिडारिया अहालदा / एते चउरो टुगदुराभेया कन्जेनु बाहिरगा // 1321 // अंनो वि होति भयणा ओमे आवरण मंजती मेहे / बाििम होति भयणा अतिवालग जायए सीसे // 1222 // उदडदडाणाहतो दि इ पाग्योण गडिनाए अवसम्मि / करजोगी जामाजिम्मेवात आदि पियंडो व म पुज्जो // 1323 // संकिण्णाहपदे अणाणुनावी य डोति अवहे / उनल्गुणपोडेमेवी आलंधणज्जिओ बन्जो // 1324 / गच्छपरिरमणटठा अणागतं भाउलायकुशलस्म / एमा गणाहितिणो मुटुमीतगमणा अणिता // 1325 // दुलहे कितिकम्मम्मी वालिया मो णिमह बद्धीया / आदिपडिमेघियम्मी उपाआलोअणा बहला // 1326 // मुम्मधुरा-संपागड - सेवी चरणकरणपब्मट्ठे / लिंगावसेसमिने, जंकीसतं पुणो वोच्छ / गाहा (आ.नि. 1124) 137 // वायाए णमुक्काशे हत्थुम्सेहो य मीसनमण चमच्छणाच्छणं छोभवदण वंदणं "FFFFFFFFFFFFES