________________ BARA2322224 [1961 श्री आगम सुधा सिन्धु / नवमो विभाग रासितगुणित भाइए भने लद्धं // 915 // एवं हाणे हाणे पाडेमिय गु. णियभाजय लदाई ! एगाईसंजोगाण डोंति संयप्यमाणाई // 916 // एक्काईसंजोगाण डोति एवं तु लक्षणं दिट्टं / एते मचे मिलिता तेसहिट होति संजोगा // 917 // एक्कगसंयोगादिसु उप्पज्जते उ जोत्तया भंगा / तेसिं संघाणयणे करणंतु इमं मुणेयव्ळ // 918 // एक्कगसंजोगादिसु जत्तियमित्ता हवंति डाणाउ / तत्तियमेत्ता दुवगा डायव्वा कमेणं तु // 919 // 2 / 2 / 2 / 2 / 12 // // 4 / 16 / 32 / 4 // पडिसिथ पोडेरा- .. सिय अण्णोण्णेणभसाडि ते दयगा / जातिलतं डाण गुणि एवं जा भने संसा // 920 // एक्कंगमंजोगादिसु एककेरके भंगसंष नाराया / सच्चिय एक्कादीहिं पुणरवि संजोग सगुणिता रारारारारार९२१॥ पन्नेयं - तेयं एक्कगमादीण सबजोगाणं / सा होति मंगसंन्या जहम्कमेण मुणे. यव्वा // 22 // कह भग भवतेत्ध भण्णति दिक्षेज्ज महर बहआउ / मुंडावणादि एवं दुगचठभंगाद चारणिया // 923 // पच्ययहउँ नहियं पन्धारो होइ पत्रेयचो / इमिणा उ लक्षणेण नमड बोच्छ समामेण // 924 // भंगपमाणायामो गुरुओ लडओ य अणिवतो / मत्ता दुगुणादुगुणो पत्यारो होति जिम्मेवो // 925 // एव न पत्थोरए पिच्छम एं कादिर उ संजोगे / जे जत्य उ णिवडंती पच्चरसते नहिं मले।९२६॥ अक्कग सोलसगाण जीनमजीवाण दोपड कम्याण / एकगजोगादी सं. समाणं इम डोति // 927 // छच्चेव य पण्णरसा वीसा पण्णरम धक्क एक्को य / पक्कगसंजोगादी छविड सच्चित्तमप्यम्मि / / 924 // मोलम वीयं च सयं पंचव सयाइ होति सदहाइं / अट्ठारस पीच्याइ तेयालं अहसट्टाई // 929 // अहेव सहस्साई अडडियाइं अजीब डम्मि एक्कारस य सहरसा चन्तारि सथा तहा चत्ता // 930 / बारम चेन सहस्सा अहेव सथा उ सत्तरा होति / अदहमसंजोगम्मि नि उक्कमतो एर जानेको // 931 // सच्चित्तदवियकप्यो तेवढी होति सवसंजो. गा / पंचसता पणतीसा पाठ सहस्स आञ्चले // 932 // मच्चित्तअचित्ताणं एते भणिया तु सव्वसंजोगा / पत्तेयं पत्तेयं एत्तो मीसाण वोच्छामि // 933 // ओच्चत्तदनकय्ये संजोग पिहरिपडे हवेऊणं / जितकय्ये कमसंजोगणित तेसि फलामणं तु // 93 // घण्णउति सं.