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________________ [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: अष्टमो विभागः कयंजली भणइ // 12 // रागदोसारीणं हंता कम्मट्ठगाइ अरिहंता / विसयकसायारीणं अरिहंता हुँतु मे सरणं // 13 // रायसिरिमुवकमि(सि)त्ता तव. चरणं दुचरं अणुचरित्ता / केवलसिरिमरिहंता अरिहंताहंतु मे सरणं // 14 // थुइवंदणमरिहंता अमरिंदनरिंदपुत्रमरिहंता ।सासयसुहमरहंता अरिहंताहंतु मे सरणं // 15 // परमणगयं मुणंता जोइंदमहिंदझाणमरहंता / धम्मकहं परहंता अरिहंता हंतु मे सरणं / / 16 // सवजियाणमहिसं परहंता सच्चवयणमरहता। बंभवयमरहंता अरिहंता हेतु मे सरणं // 17 // ग्रोसरणमवसरित्ता चउतीसं अइसए निसेवित्ता / धम्मकहं च कहता अरिहंता हंतु मे सरणं // 18 // एगाइ गिराऽणेगे संदेहे देहिणं समंछित्ता / तिहुयणमणुसासंता अरिहंता हेतु मे सरणं // 11 // वयणामएण भुवणं निव्वाविता गुणेषु ठावंता / जिअलोअमुद्धरंता अरिहंता हेतु मे सरणं // 20 // अच्चम्भुयगुणवते निग्रजसससहर-पसाहिदियुते / नित्रयमणाइअणते पडिवन्नो सरणमरिहते // 21 // उझिग्रजरमरणाणं समत्त. दुक्खत्त-सत्तसरणाणं / तिहुअणजणसुहयाणं अरिहंताणं नमो ताणं / / 22 // अरिहंतसरणमलसुद्धि-लद्धसुविसुद्ध-सिद्धबहुमाणो। पणयसिररइय-करकमल-सेहरो सहरिसं भणइ // 23 // कम्मट्ठक्खयमिद्धा साहाविअनाणदंसणसमिद्धा / सबट्ठलद्धिसिद्धा ते सिद्धा हुँतु मे सरणं // 24 // तिलोत्रमत्थयत्था परमपयत्था अचिंतसामत्था / मंगलसिद्धपयत्था सिद्धा सरणं सुहपमत्था // 25 // मूलुक्खयपडिवक्खा अमूढलक्खा सजोगिपञ्चक्खा / साहाविअत्तसुक्खा सिद्धा सरणं परममुक्खा // 26 // पडिपिल्लिअपडिणीया समग्गझाणग्गि-दड्डभवबीया / जोईसरसरणीया सिद्धा सरणं सुमरणीया // 27 // पावियपरमाणंदा गुणनीसंदा विभिन्न(विईगण)भवकंदा / लहुईकयरविचंदा सिद्धा सरणं खविअदंदा // 28 // उवलद्धपरमवंभा दुल्लहलंभा विमुकसरंभा। भुवणघरधरणखंभा सिद्धा सरणं निरारंभा // 26 //
SR No.004369
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1975
Total Pages152
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_chatusharan, agam_aaturpratyakhyan, agam_mahapratyakhyan, agam_bhaktaparigna, agam_tandulvaicharik, agam_sanstarak, agam_gacchachar, & agam_chandra
File Size16 MB
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