________________ सादर समर्पण कलिकालकल्पतरु, संघस्थविर, शताधिकवय भोगवनार, ___ शासनसंरक्षक, प्रकृष्टतपोमूर्ति, प्रातःस्मरणीय . परमशासनप्रभावक, सिद्धांत निष्ठ पूज्यपाद आचार्यदेवेशश्रीमद् विजयसिद्धिसूरीश्वरजी महाराज __(पूज्य बापजी महाराज) जेओश्रीना सानिध्यमा आराधनादि करता तेओश्री वरसावेल आराधना मार्गनी पुष्टि माटेनी वात्सल्य अमीवांना महान उपकारनी पुनीत स्मृतिमा यत्किचित् कृतज्ञता रूपे भी शाम सुधा सिन् अष्टम विभाग तेश्रोत्रीने सादर वंदना साथे अर्पण करी धन्यता अनुभवु छु. गुरुदेव चरणचंचरिक जिनेन्द्रविजय