________________ 56 ] सोलसमो उद्देसओ [15,99-154.16,1-29 जे मिक्खू 99. जायणा-वत्थं वा निमन्तणाव० वा अनाणिय अपुच्छिय अगवसिय पडिग्गाहेइ पडिग्गा हेन्तं वा साइज्जइ, से य क्त्थे चउण्हं अन्नयरे सिया, तं जहा-निच्च-नियंसाणए मज्झ हिए छणु सविए राय-दुवारिए, 5 जे मिक्खू विभूसा-पडियाए, 100-152. अप्पणो पाए....( जहा 3, १६-१८)....सीस-दुवारियं करेइ . 53. वत्यं वा पडिग्गहं वा कम्बलं वा पाय-पुञ्छणं वा अन्नयरं वा उवगरण-जायं धरेइ, 54. धोवइ 2 तं वा साइज्जइ, तं सेवमाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहार-ट्ठाणं उग्घाइयं / __ 15 10 // सोलसमो उद्देसओ॥ जे मिक्खू 1. सागारिय सेज्जं, 2. स-उदग-से०, 3. सागणिय-से० अणुपविसइ; 4. सचितं उच्छु भुञ्जइ, 5. विडसइ; 6. सचित्तं अन्तरुच्छुयं वा उच्छु-खण्डियं वा उ०-चोयगं वा उ०-मेरगं वा उ०- सालगं वा उ० डालगं वा भुञ्जइ, 7. विडसइ; 8-11. सचित्त-पइट्ठियं उच्छु....( जहा 4-7 )....विडसइ। 12. आरण्णगाणं वर्णवयाणं अडवी-जत्ता-संपट्ठियाणं असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेइ 13. वुसराइयं अवुसराइयं, 14. अवुस० वुस० वयइ; 20 15. वुसराइयाओ गणाओ अवुसराइयं गणं संकमइ; जे भिक्खू वुग्गह-वक्कन्ताणं / 16. असणं वा पाण वा खाइमं वा साइमं वा देइ, 17. पडिच्छइ; 18. वत्थं वा पडिग्गहं वा कम्बलं वा पाय-पुञ्छणं वा देइ, 19. पडिच्छइ; 20. वसहिं देइ, 21. पडिच्छइ, 22. अणुपविसइ; 25 23. संज्झायं देइ, 24. पडिच्छइ; जे भिक्खू 25. वेहं अणेगाह-गमणिज्जं, 26. विरूव-रूवाइं दसुगाययणाई अणारियाइं मिलक्खइं पञ्च ___न्तियाइं सति ला विहाराए संथरमाणेसु जणवएसु विहार-पडियाए अमिसारेइ / जे भिक्खू दुगुश्चिय-कुलेसु 27. असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा, 28. वत्थं वा पडिम्गहं वा कम्बलं वा पाय, पुञ्छणं वा, 29. वसहिं पडिग्गाहेड़ा 30