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________________ ॥णमो त्थुणं समणस्स भगवओ महावीरस्स // ॥व व हा र सुत्तं // Ket.... 1. जे भिक्खू मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउश्चिय आलोएमाणस्स मासियं, पलिउञ्चिय आलोएमाणस्स दोमासियं / 2. जे भिक्खू दोमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अपलिउञ्चिय आलोएमाणस्स दोमासियं, पलिउञ्चिय आलोएमाणस्स तेमासियं / 3. जे भिक्खू तेमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अपलिउश्चिय आलोएमाणम्स तेमासियं, पलि5 उञ्चिय चाउम्मासियं / 4. जे भिक्खू चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलो- . एज्जा, अपलिउश्चिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं. पलिउश्चिय आलोएमाणस्स पञ्चमासियं / 5. जे भिक्खू पञ्चमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अपलिउश्चिय आलोएमाणस्स पञ्चमासियं, पलिउञ्चिय आलोएमाणम्स छम्मासियं / 6. तेण परं पलिउश्चिए वा अपलिउञ्चिए वा ते चेव छम्मासा / 10 7-12. जे भिक्खू बहुसो वि मासियं परिहारट्ठाणं पडिसवित्ता आलोएज्जा अपलिउञ्चिय .....( जहा 1-6 णवरं बहुसो वि)....छम्मास्सा / 13. जे भिक्खू मासियं वा दोमासियं वा तेमासियं वा चाउम्मासियं वा पञ्चमामियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अन्नयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अपलिउञ्चिय आलोएमाणम्स मासियं वा दोमासियं वा तेमासियं वा चाउम्मासियं वा पञ्चमासियं वा, पलिउञ्चिय आलोएमाणस्स दोमासियं वा तेमासियं वा चाउम्मासियं वा पञ्चमासियं वा छम्मासियं वा / तेण परं पलिउच्चिए वा अपलिउच्चिए वा "ते चेव छम्मासा / 14. जे भिक्ख बहुसो वि मासियं वा बहुसो वि दोमासियं वा....( जहा 13 णवरं बहुसो वि ) छम्मास्सा / 15. जे भिक्खू चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा पञ्चमासियं वा साइरेगपञ्चमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अन्नयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलो एज्जा, अपलिउञ्चिय आलोएमाणस्स चाउम्मामियं वा मादरगं वा पञ्चमाभियं वा मादरेगं वा पलिर 20ञ्चिय आलोएमाणस्स पञ्चमासियं वा साइरेगं वा छम्मासियं वा तेण परं पलिउञ्चिए वा अपलिउश्चिए वा ते चेव छम्मासा। 16. जे भिक्खू बहुसो वि चाउम्मासियं वा .बहुसो वि साइरेगं
SR No.004353
Book TitleKalp Vyavahar Nisheeth Mul Matra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages70
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nishith, agam_bruhatkalpa, & agam_vyavahara
File Size9 MB
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