________________ 24. भगवान् महावीर (वर्धमान स्वामी) जिनके नयनताराओं में कृतापराधी के प्रति भी दयाभाव प्रस्फुटित है और इसी कारण जिनके पल्लव ईषत् बाष्पार्द्र हैं उन्हीं भगवान महावीर के नयन कल्याणवर्षी बनें। पर्वभव संख्या -27 च्यवन स्थान-प्राणत च्यवन तिथि -आषाढ़ सुदि६ गर्भ संहरण - आश्विन वदि 13 जन्म नगरी -क्षत्रियकुण्ड जन्म तिथि -चैत्र सुदि 13 वंश -इक्ष्वाकु पितृ नाम -सिद्धार्थ मातृ नाम -त्रिशला जन्म नक्षत्र -हस्तोत्तरा (उ. फाल्गुनी) जन्म राशि -कन्या लाज्छन -सिंह वर्ण -स्वर्ण दीक्षा नगरी -क्षत्रियकुण्ड दीक्षा तिथि -मिगसर वदि 10 छद्मस्थ काल -12 वर्ष, 6 मास, 15 दिन ज्ञान नगरी -ऋजुवालिका ज्ञान तिथि -वैशाख सुदि 10 गणधर संख्या-११ गणधर नाम -इन्द्रभूति गौतम मोक्ष स्थान -पावापुरी मोक्ष तिथि -कार्तिक वदि 15 ईस्वी पूर्व 527 यक्ष नाम -मातङ्ग यक्षिणी नाम - सिद्धायिका प्रमुख तीर्थ-पावापुरी, क्षत्रियकुंड वैशाली, ओसियाँ, मुंछाला, बामणवाड़ नांदिया, साँचोर, महुवा।