________________ 19. भगवान् मल्लिनाथ नवीन. मेघ के उदय से जिस प्रकार मयूर आनन्दित हो जाता है उसी प्रकार जिन्हें देखने मात्र से सुर-असुर-नरपालों के चित्त आनन्दित हो जाते हैं और जो कर्मरूपी अटवी के उत्खात में मत्त हाथी की भांति हैं उन मल्लिनाथ का मैं स्तवन करता हूँ। पूर्वभव संख्या -3 च्यवन स्थान-वैजयन्त . च्यवन तिथि -फाल्गुन सुदि 4 जन्म नगरी -मिथिला जन्म तिथि -मिगसर सुदि 11 वंश -इक्ष्वाकु पितृ नाम -कुम्म मातृ नाम -प्रभावती जन्म नक्षत्र -अश्विनी जन्म राशि -मेष लाञ्छन वर्ण -नील दीक्षा नगरी -मिथिला दीक्षा तिथि -मिगसर सुदि 11 छद्यस्थ काल -१दिन ज्ञान नगरी -मिथिला ज्ञान तिथि -मिगसर सुदि 11 गणधर संख्या-२८ गणधर नाम -भिवक् मोक्ष स्थान -सम्मेतशिखर मोक्ष तिथि -फाल्गुन सुदि 12 यक्ष नाम -कुबेर यक्षिणी नाम-धरणप्रिया प्रमुख तीर्थ- भोयणी