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________________ 280 नमस्कार स्वाध्याय नमोऽलङ्कृतस्वेष्टभूभृद्वराय, नमो व्याप्तनिश्शेषशस्यास्पदाय / नमः सर्वविश्वस्थितिस्थापकाय, नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते // 131 // ... नमस्तीर्थराजाय तेऽष्टापदाय, नमः स्वर्णरत्नाहदास्पदाय / नमस्ते नतश्राद्धविद्याधराय, नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते // 132 // नमस्तीर्थसम्मेतशैलायाय, नमो विंशतिप्राप्तनिःश्रेयसाय / नमःश्रव्यदिव्यप्रभावाश्रयाय, नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते // 133 // नमश्चोजयन्ताद्रितीर्थोत्तमाय, नमो जातनेमितिकल्याणकाय / / नमः शोभितोद्धारसौराष्ट्रकाय, नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते // 134 // नमस्तेऽव॑दायाप्तचैत्याबुदाय, नमो भव्यहत्केकिलोकाम्बुदाय / नमः प्राच्यवंशेभ्यकीर्तिध्वजाय, नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते // 135 / / नमस्ते प्रभो ! पार्श्वशळेश्वराय, नमस्ते यशोगौरगोडीधराय / नमस्ते वरकाणतीर्थेश्वराय, नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते // 136 // 10 जेणे (आर्हन्त्यशक्तिए) पोतानी स्थापनाओ वडे श्रेष्ठ पर्वतो अलङ्कत कर्या छे एवा आपने नमस्कार थाओ। सर्व प्रशस्त स्थानोमा व्याप्त एवा आपने नमस्कार थाओ। सर्व विश्वस्थितिना स्थापक एवा आपने 15 नमस्कार थाओ // 131 // ___ तीर्थाधिराज अष्टापदने नमस्कार थाओ। खर्ण अने रत्ननी जिन प्रतिमाओथी शोभता ते तीर्थने नमस्कार थाओ। श्रद्धावान विद्याधरो वडे नमस्कृत ते तीर्थने नमस्कार थाओ // 132 // सम्मेतशैल नामना तीर्थने नमस्कार थाओ। ज्यां वर्तमान चोवीशीना 20 तीर्थंकरो मोक्ष पाम्या एवा ते तीर्थने नमस्कार थाओ। सांभळवा योग्य दिव्य प्रभावना आश्रयभूत ते तीर्थने नमस्कार 20 थाओ // 133 // ___ श्री उज्जयन्ताद्रि (गिरनार) नामना उत्तम तीर्थने नमस्कार थाओ। ज्यां श्री नेमिनाथ प्रभुना त्रण कल्याणक थया छे एवा ते तीर्थने नमस्कार थाओ। सुंदर उद्धारोवडे जे सौराष्ट्रदेशने शोभावी रहयु छे एवा श्री शत्रुजय तीर्थाधिराजने नमस्कार थाओ। // 134 // ___परम-आप्त श्री जिनेश्वर भगवंतना चैत्यो वडे अर्बुद (शोभित) एवा अर्बुदाचलने नमस्कार 25 थाओ। भव्यजनोना हृदयरूप मयूरोने आह्लादित करनार मेघसमान ए तीर्थने नमस्कार थाओ। प्राच्य " (प्राग्वाट) वंशना धनाढ्योनी कीर्तिना ध्वजरूप ए तीर्थने वारंवार नमस्कार थाओ॥ 135 // श्रीशंखेश्वर पार्श्वनाथ नामना हे प्रभु! आपने नमस्कार थाओ। यशवडे उज्ज्वल एवा श्री गोडी पार्श्वनाथने नमस्कार थाओ। वरकाणा तीर्थना स्वामी श्री वरकाणा पार्श्वनाथने नमस्कार थाओ // 136 //
SR No.004318
Book TitleNamaskar Swadhyay Sanskrit Vibhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
PublisherJain Sahitya Vikas Mandal
Publication Year1962
Total Pages398
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size10 MB
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