________________ [205 सिन्धु-होकु] चान्द्रव्याकरणम् सिन्धु 1217 / स्यमीक 2 / 2 / सीमिक 2 / 10 / स्रुच् 3 / 72 / सीर 3 / 12 / स्रु 3 / 6 / सुमेरु 1139 / स्रोतस् 3 / 106 / सुरा 3 / 11 / स्वप्न 2174 / सुष्ठु 1 / 21 / स्वसृ 1150 / सूक्ष्म 2 / 102 / स्वादु 111 // सूत्र 3 / 37 / हंस 3 / 63 / सूनु 1 / 30 / हनु 1 / / सूप 2 / 84 / हनूष / 3 / 57 / सूर 3 / 11 / . हरि 1151 / सूरत 2032 / हरिण 2062 / सूरि 1170 / हरित् 376 / सृक् 2 / 4 / हरित 2 / 47 / सृणि 180 / हरिद्रु 1 / 21 / सृणीका 2 / 16 / हरिमन् 3 / 83 / -सेतु 1 / 22 / हरेणु 1 / 27 / सेना 2074 / हर्यत 2048 / सोम 22100 / हर्षयित्नु 1 / 26 / स्तनयित्नु 1 / 26 / हविस् 3186 / स्तम्ब 2 / 12 / हस्त 2 / 50 / स्तरी 160 हस्र 3 / 10 / स्तूप 2183. हिम 2 / 103 / स्तोम 2 / 100 / हिरण्य 2 / 116 / स्त्येन 2062 / हृदय 2 / 108 / स्थवि 1183 / हेतु 1 / 24 / स्थविर 3 / 6 / हेमन्त 2 / 45 // स्थाणु 1 / 31 / होतृ 1150 / स्थिर 36 / होम 2 / 100 / स्थूणा 2176 / हीक 2 / 2 / स्नुषा 3 / 64 / हीकु 1135 / स्पृहयाय्य 2 / 113 / ह्लीक 2 / 2 / स्फिर 3 / 6 / ह्रीकु 1 // 35 // इति उणादिसाधितशब्दानाम् अकाराविक्रमेण संकलनं समाप्तम् / /