________________ 108] चान्द्रव्याकरणम् [धातु० 147 अण-१९७ गुर्वी 147 अण रण वण भण मण कण क्षण 172 मूल प्रतिष्ठायाम् / (562). ... व्रण भ्रण ध्रण ध्वन शब्दार्थाः। 173 फल निष्पत्तौ / (563) (471-476, 487, 881) 174 चुल्ल हावकरणे / (564) 148 ओण अपनयने / (482) 175 फुल्ल विकसने / (565) 146 शोण वर्णे / (483) 176 चिल्ल शैथिल्ये / (566) 150 श्रोण संघाते / (484) 177 शिल्ल गतौ / 151 पेण गतौ / 178 वेल चेल केल खेल शेल षेल 152 कनी दीप्तौ / (488) चलने / (568-571, 576) 153 ष्टन वन कल शब्दे / 176 पेल फेल गतौ / (574, 575) (486, 460, 526) 180 स्खल चलने / (577) 154 षण संभक्तौ / (462) 181 खल संचये च / (578) 155 अम द्रम हम्य मीम गतौ / 182 गल अदने / (576) .. (463, 464, 466) 183 पल गतौ / (892) 156 चमु छमु जमु झमु अदने / 184 दल विशरणे / (581) (467-466, 501) 185 शल श्वल्ल आशुगमने / 157 क्रमु पादविहरणे / (502) (582, 583 ) 158 मव्य बन्धने / (541) 186 खोर गतिप्रतिघाते / (584) 156 धूर्म ईक्ष्य ईj ईर्ष्यार्थाः / / 187 धोर गतिचातुर्ये / (585) (543, 544) 188 त्सर छद्मगतौ / (586) 160 हय हर्य गतौ / (545, 547) 186 क्मर हुर्छने / (587) , 161 शुच्यी अभिषवे / (546) 160 अभ्र वभ्र मभ्र चर गत्यर्थाः / 162 फला विशरणे / (546) .. (588-561) 163 मील स्मील क्ष्मील निमेषणे / 161 ष्ठिवु क्षिवु निरसने / (550, 552, 553) - (562, 566) 164 पील प्रतिष्ठायाम् (554) 162 जि जये / (563) 165 नील वर्णे / (555) * . 163 जीव प्राणधारणे / (564) 166 शील समाधौ / (556) 164 पीव मीव नीव तीव स्थौल्ये / 167 कील बन्धे / (557) . (565, 566, 568, 567) 168 कूल वरणे / (558) 165 उर्वी तुर्वी थुर्वी दुर्वी धुर्वी 166 शूल रुजायाम् / (556) हिंसाः / (600, 604). 170 तूल निष्कर्षे / (560) 166 मुर्वी बन्धने / (606) 171 पूल संघाते / (561) 167 गुर्वी उद्यमे / (605)