________________ प्रयुक्त ग्रंथ सूची : परि-१७ 697 उत्तराध्ययन शांत्याचार्य टीका-देवचन्द्र लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फण्ड, मुम्बई, सन् 1973 / उपासकदशा (अंगसुत्ताणि भा. ३)-वाप्र. आचार्य तुलसी, सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ, जैन विश्व भारती, ___लाडनूं, सन् 1974 ओघनियुक्ति-आचार्य भद्रबाहु, श्री आगमोदय समिति, महेसाणा, सन् 1919 / ओघनियुक्ति टीका-द्रोणाचार्य, श्री आगमोदय समिति, महेसाणा, सन् 1919 / ओघनियुक्ति भाष्य-श्री आगमोदय समिति, महेसाणा, सन् 1919 / कल्पसूत्र (नवसुत्ताणि-५)-वाप्र. आचार्य तुलसी, सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ, जैन विश्व भारती, लाडनूं, सन् 1987 / कषाय पाहुड-श्रीगुणधर आचार्य, भा. दि. जैनसंघ ग्रंथमाला चौरासी, मथुरा, वि. सं. 2000 / कार्तिकेयानुप्रेक्षा-स्वामिकुमार, श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, तृ सं. सन् 1990 / कार्तिकेयानुप्रेक्षा टीका-स्वामिकुमार, श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, तृ सं. सन् 1990 / कौटिलीय अर्थशास्त्र-सं. वाचस्पति गैरोला, चौखम्भा विद्या भवन, वाराणसी, च. सं. सन् 2000 / गणधरवाद-संपण्डित दलसुखभाई मालवणिया, राजस्थान प्राकृत भारती संस्थान, जयपुर, सन् 1982 गोम्मटसार कर्मकाण्ड-नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती, डॉ. ए. एन. उपाध्ये, पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, प्रसं. 1981 / गोम्मटसार जीवकाण्ड-नेमिचन्द्र सिद्धान्त शास्त्री, जैन पब्लिशिंग हाऊस, लखनऊ, सन् 1927 / गौतमधर्मसूत्राणि-व्या., डॉ. उमेशचन्द्र पाण्डेय, चौखम्भा संस्कृत सीरिज, वाराणसी-१, प्रसं. सन् 1966 / छेदपिण्ड-सं.माणिकचन्द जैन ग्रन्थमाला, वि. सं. 1978 / 'छेदशास्त्र -सं.माणिकचन्द जैन ग्रन्थमाला, वि. सं. 1978 / जीतकल्पचूर्णि-सं. मुनि जिनविजय, जैन साहित्य संशोधक समिति, अहमदाबाद, वि. सं. 1983 / जीतकल्पचूर्णि विषमपद व्याख्या-सं. मुनि जिनविजय, जैन साहित्य संशोधक समिति, अहमदाबाद, वि.सं. 1982 / ज्ञाताधर्मकथा-वाप्र. आचार्य तुलसी, सं. आचार्य महाप्रज्ञ, जैन विश्व भारती, लाडनूं (राज.), सन् 2003 / तत्त्वार्थ भाष्यानुसारिणी टीका भा.१-सिद्धसेनगणि, सं. हीरालाल जैन, देवचन्द्र लालभाई जैन पुस्तकोद्धार, प्रसं. 1982 / तत्त्वार्थ भाष्यानुसारिणी टीका भा. २-सिद्धसेनगणि, सं. हीरालाल जैन, देवचन्द्र लालभाई जैन पुस्तकोद्धार, प्रसं. 1986 / तत्त्वार्थ राजवार्तिक भा. 1, २-श्री अकलंक देव, भारतीय ज्ञानपीठ, बनारस, सन् 1989, 1990 / तत्त्वार्थसत्र श्रतमागरीय वन्नि