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________________ 679 वइर वंजुल वग्घ वज्झ. विशेषनामानुक्रम : परि-१२ . लोण (खाद्य) ___ 1262 वारुणि वइर (आचार्य) 610,612, | वाल 14633 वालुंक (रत्न) 119 वासा वइरोसभ (संहनन) 2166 विग (वृक्ष) 236 विण्हु वंतीसुकुमाल (मुनि) __ 536 विवाह वग्गुलि (तिर्यञ्च) 2167 विसूइगा (तिर्यञ्च) 1392, वेण्ण वच्छग (तिर्यञ्च) 1365 संथार वज्ज (रत्न) 2549 | संपुडग . * (उपान) 1774 | सक्कय (खेल) 1723 सगड वडग (खाद्य) 1614 सत्तुग वत्थि (गृह-उपकरण) 1537 सप्प वद्धणिया . (गृह-उपकरण) 1551 समित वलवा (तिर्यञ्च) 1347 सर * 'वल्ल .. (धान्य) 1820 सराव ववहार (ग्रंथ) 265, 561, सव्वराइ 562,564, 1799, ससा 2607, जीचू पृ. 1 साण ववहारनिज्जुत्ति (ग्रंथ) 563 | सादिम वसुदेव (व्यक्ति) 825, 826 सामाइय वाइंगण (वनस्पति) 1614 सारस वाघातिम (मरण) 508 सालणग वाणर (तिर्यञ्च) 1474 सालि 'वारण (तिर्यञ्च) 2012 (महिला) 827 (तिर्यञ्च) 500 (खाद्य) 1614 (ऋतु) 1826 (तिर्यञ्च) जीचू पृ. 28 (साधु) 605 (ग्रंथ) 1105 (रोग) 500,502 (द्वीप) 1461 (साधु-उपकरण) 741 (पुस्तक) 1770 (भाषा) 1008 (वाहन) 1133 (खाद्य) 1619 (तिर्यञ्च) 852 (आचार्य) 1463, 1466 (शस्त्र) 479 (गृह-उपकरण) 1552 (प्रतिमा) 787 (परिजन) 1427 (तिर्यञ्च) 904 (आहार) 740 (ग्रंथ) 1,714 (तिर्यञ्च) जीचू पृ. 17 (खाद्य) 1614 (धान्य) 1149,1612 1770
SR No.004291
Book TitleJeetkalp Sabhashya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2010
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_jitkalpa
File Size15 MB
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