________________ 550 जीतकल्प सभाष्य 295 818 575 2422 13 जाहे पराइया सा जा होती बत्तीसा जिणकप्पियऽहालंदी जिणथेरअहालंदे जिणवयणमप्पमेयं जीवत्तम्मि अविगते जीव त्ति पाणधरणे जीवाण अजीवाण य जीवादिपयत्था वा जीवो अक्खो तं पति जुगमेत्तंतरदिट्ठी जुज्जति गणस्स खेत्तं जुण्णेहिं खंडिएहि य जुत्तं तावऽणवढे जूतादि होति वसणं जेणं जीवा-ऽजीवा जेण तवो बारसहा जेण पडिसेवितेणं जे तु जदा करणिज्जे जे ति य जे निद्दिट्ठा जे बहियाऽऽगत साहू जे मे जाणंति जिणा जे विज्ज-मंतदोसा जेसु विहरंति ताओ जो आगमे य सुत्ते जो उ उवेहं कुज्जा जो उ ण सद्दहति तवं जो एतेसु ण वट्टति जो कप्पठितीमेतं जो केवली मणूसो जोगो तु होति दुविधो जो जत्थ होति कुसलो 552 | जो जहवायं ण कुणति 1185 211 जो जह सत्तो बहुतर... 72 2072 जो जारिसगो कालो 434 2058 जो तं ण कुणति साहू 1005 467 जो तु करेति अकाले 1001 1588 जो तु धरेज्ज अवड्ढे 297 704 | जो तू असंतविभवो | जो दव्वखेत्तकतकाल.... 1943, 1947, 1948 | जो धारितो सुतत्थो 664 जो पुण आलोएंतो 2274, 2275 जो पुण जाणतो च्चिय 2042 1149 जो पुण परिणामो खलु जो पुण सइ सामत्थे .2391 जो पुण सहती कालं 296 | जोयणसयं सहस्सं . 64 123 जो य सलिंगे दो | जो वि पडिरूवविणयो ,. 2468 | जो वि सपक्खो राया.. 2503 | जो सुतमहिज्जति बहुं 561,562 732 | जो सो चउत्थभंगो . 811 776 झोसण खवणा मुंचण 2278 422 झोसिज्जति सुबहु पि हु 79 1457 ठवणकुल-दाणसड्डा... 1775 2516 ठवणमणापुच्छाए 678 ठवणाकप्पो दुविधो 2106 2561 ठवणाभत्तं दुविधं 1219 2283 ठाणं पुण केरिसगं 424 240 ठाण-णिसीय-तुयट्टण 514 2104 ठाण वसही पसत्थे 330 104 ठावेत्तु दप्प-कप्पे 1031 ठितमठितम्मि दसविधे 2105 452 डहरो अकुलीणो त्ति य 725 617 865