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________________ 537 पदानुक्रम : परि-१ आहारेति अकज्जे आहारे पिट्ठादी आहार पूतियम्मी आहारों जेसि आदी आहारों जेसिमादी इंगितणाते धूया.... इंदत्थं जह सद्दा इंदियपडिसंचारो इंदियपमाददोसा इंदियाणि कसाए य 1125 1301 1440 255 2383 120 1470 1824 2057 62 इंधण गंधे धूमे इक्खागवंस भरहो इच्छा-मिच्छा-तहक्कारो इड्डि-रस-सातगुरुगा. इत एक्कवार बितियं इतरमहिलासु चरिमं इतरा य गिल्लसण्णिहि इतरो उ विराहेती इति उदिते चोदेती . इति एगूणतीसाए इति एस अणंतरतो इति एस अभिहितो तू इति एस जीतकप्पो इति एस दव्व खेत्ते इति दव्वादिबहुगुणे इति सामाइयमादी इत्तरठवणा भत्ते इत्तरठविते सुहुमे इत्थीए चतुगुरुगा इत्थीए मासगुरुं इय अणिवारितदोसा इय एतेण कमेणं 1695 इय जो उ अप्पमत्तो 2361 इय णाउमाह कोयी 1697 इय पंतभिच्छुवासो इय भणिते चोदेती 1818 इय भवरोगत्तस्स वि 1407 | इय मासाण बहूण वि 1136 इय मूलक्कम्मेणं 429 इय मेव जीतदाणं 2548 इय सइ दोसं छिंदति 406 इय सव्वावत्तीओ 1205 इय सामाइयछेदे 1409 इय होंति असंखाओ 880 इरियं च ण सोहेती 2471 इरियं ण सोहइस्सं 837 इहपरलोगे य फलं 2522 इह पुण जीतेणं तू 1084 ईसर-तलवर-माडंबि.... 2190 | ईसर भोइयमादी 1596 उक्कुट्ठ-पिट्ठ-मक्खित 2121 उक्कोसं तवभूमी 2590 उक्कोसं तु विसिटुं 2518 उक्कोसं बहुसो वा 103 उक्कोसा तवभूमी 2276 उक्कोसिगा तु एसा 78 उक्कोसुक्कोसो तू 2191 उक्कोसुक्कोसो या 1713 उक्कोसेण मसंखा 43 | उक्कोसो सणिजोगो 1423 | उक्खेवे णिक्खेवे 1425 | उग्गमकोडी अवयव | उग्गमदोस गिहीतो 1807 उग्गममादीणं तू 2111 30 1660 606 2384 1801 2003 2004 1497 82 2306 87 2287 354 1855 1853 28 2326 1566 1297 1472 1674
SR No.004291
Book TitleJeetkalp Sabhashya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2010
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_jitkalpa
File Size15 MB
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