________________ पाठ-संपादन-जी-३५ 121 1090. 'अहवा वि" लड्डुगादी, भावे तिविहुग्गमो मुणेतव्वो। दंसण णाण 'चरित्तुग्गमेण एत्थं अहीगारो'२॥ 1091. किं कारणं चरित्ते, अहिगारो एत्थ होति भणितो तु?। चोदग! सुण चारित्ते, जे तु गुणा ते तु होति इमे || 1092. दंसणणाणप्पभवं, चरणं 'सुद्धे तु तम्मि'६ तस्सुद्धी। चरणेण कम्मसुद्धी, उग्गमसुद्धी' - चरणसुद्धी॥ 1093. पिंडोवहिसेज्जासू, जेण असुद्धासु चरण ण विसुज्झे। पिंडोवहिसेज्जासू, सुद्धासू चरणसुद्धी तु॥ 1094. तो चरणसुद्धिहेतुं, पिंडस्स तु उग्गमेण अहिगारो। तस्स पुण उग्गमस्सा, सोलस दारा इमे होंति // 1095. आहाकम्मुद्देसिय, पूतीकम्मे य मीसजाते य। * ठवणा पाहुडियाए, पायोयर' कीत पामिच्चे // 1096. परियट्टिए अभिहडे, उब्भिण्णे मालोहडे तिय। अच्छेज्जे अणिसट्टे', 'अज्झोयरए य सोलसमे"॥ 1097. एते सोलसदारा, उद्दिट्ठमिदाणि विवरणं वोच्छं / एतेसि पढम आहा, तस्स इमे होंति नव दारा॥ 1098. आहाकम्मियणामा, एगट्ठा कस्स वावि किं वावि। परपक्खे य सपक्खे, चउरो गहणे य आणादी१३ // 1099. तत्थ इमे णामा खलु, आहाकम्मस्स होंति चत्तारि। आह-अहेकम्मे या, अहयम्मे४ अत्तकम्मे य५॥ 1. दव्वम्मि (पिनि 57) / 2. मेणिस्थ अहि (पिनि)। 3. चउदग (ब)। 4. गुणो (ला)। 5. इमो (ब, ला)। 6. सुद्धेसु तेसु (पिनि 57/5) / 7. सुद्धा (ब. ला)। 8. 'ज्जासुं (ब. ला)। 9. पायोर (ता, पा, ब, ला)। 10. पिनि 58, नि 3250, बृ 4275 / 11. अणिसिट्टे (बृ 4276, पिनि 59) / 12. धोते रत्ते य घटे य (नि 3251, बृ)। 13. पिनि 60 / 14. अयह (ता, ब)। 15. या (ला)।