________________ 38 : डॉ. अशोक कुमार सिंह 8. वही, गाथा 39-42; 10. वही, गाथा 51-74; 12. वही, गाथा 89-140; 14. वही, गाथा 148 -155; 9. वही, गाथा 43-50 11. वही, गाथा 75-88 13. वही, गाथा 141-147 15. वही, गाथा 156-172 (17.) आराधनासार / पर्यन्ताराधना१. आराहणासार' / 'पज्जंताराहणा,'-पइण्णयसुत्ताई, भाग 2 पृ० 169-192 2. वही, पृ० 169 गाथा 1-3, 3. वही, गाथा 5-11 . . . 4. वही, गाथा 12-15; 5. वही, गाथा 16-19 6. वही, गाथा 20-23; 7. वही, गाथा 24-29 8. वही, गाथा 3-240; 9. वही, गाथा 241-257 10. वही, गाथा 258-263H (18) आराधना पंचक-आराहणापणगं-पइण्णयसुत्ताई, भाग 2, पृ० 193-223 (19) मरणविभक्ति / मरणसमाधि प्रकीर्णक१. मरणविभत्ति पइण्णयं-पइण्णयसुत्ताई, भाग 1, पृ० 99-159 2. नन्दीसूत्रचूर्णी, प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, अहमदाबाद, पृ० 58 3. पाक्षिकसूत्रवृत्ति, देवचन्दलालभाई जैन पुस्तकोद्धार फण्ड, सूरत, पृ. 64-65 4. मरणविभत्ति पइण्णयं, गाथा 660-661 5. महापच्चक्खाण पइण्णय, आगम, अहिंसा-समता एवं प्राकृत संस्थान, भूमिका पृ० 24-27 6. मरणविभत्ति पइण्णयं, गाथा 1-21; 7. वही, गाथा 14-58 8. वही, गाथा 59-67; 9. वही, गाथा 68-77 10. वही, गाथा 176; 11. वही, गाथा 127-175 12. वही, गाथा 176-335; १३.वही, गाथा 325-365 14. वही, गाथा 366-385; १५.वही, गाथा 386-401 16. वही, गाथा 402-412, १७.वही, गाथा 413-485 18. वही, गाथा 486-503; १९.वही, गाथा 507-524 20. वही, गाथा 528-552; २१.वही, गाथा 553-569 22. वही, गाथा 570-640; २३.वही, गाथा 641-659 24. वही, गाथा 660-661 (20) प्राचीन आचार्य विरचित 'आराधना पताका'१. पाईणायरियविरइया आराहणापडाया-पइण्णयसुत्ताई, भाग 2, पृ० 1-84