________________ समाधिमरण सम्बन्धी प्रकीर्णकों की विषयवस्तु : 35 (2) आलोचना कुलक१. आलोयणाकुलयं-पइण्णयसुत्ताई, भाग२, पृ०२४९-२५० 2. वही, पृ० 249, गाथा 1-3; 3. वही, गाथा 4; 4. वही, गाथा 5-6 5. वही, गाथा 7; 6. वही; गाथा 8 7. वही, गाथा 9; 8. वही, गाथा 10-11 9. वही, गाथा 12 (3) मिथ्यादुष्कृतकुलक (1)1. मिच्छादुक्कड कुलयं (१)-पइण्णयसुत्ताई, भाग 2, पृ० 245-246 2. वही, पृ० 245, गाथा 1-2 3. वही, गाथा, 3-7 4. वही, गाथा 8; 5. वही, गाथा 9-10 6. वही, गाथा 11 - 1.2 (4) मिथ्यादुष्कृत कुलक (2)1. मिच्छादुक्कड कुलयं (2) पइण्णयसुत्ताई, भाग 2, पृ० 247-248 2. वही, पृ० 247 गाथा 1, 3. वही, गाथा 2-4 ४.वही, गाथा 5-8; 5. वही, गाथा 9-11 6. वही, गाथा 12-16 (5) आत्मविशोधिकुलक१. अप्पविसोहि कुलयं-पइण्णयसुत्ताई, भाग 2, पृ० 291-293 2. वही, पृ० 291 गाथा 1-8, 3. वही, गाथा 9-16 4. वही, गाथा 17-20; 5. वही, गाथा 21-22 6. वही, गाथा 23-24 (6) चतुःशरण प्रकीर्णक१. चउसरण पइण्णयं-पइण्णयसुत्ताई, भाग 1, पृ० 309-311 2. वही, पृ० 309 गाथा 1; 3. वही, गाथा 2-6 4. वही, गाथा 7-17; 5. वही, गाथा 18-25 6. वही, गाथा 27 (7) आतुरप्रत्याख्यान (1)1. आउरपच्चक्खाणं पइण्णयं-पइण्णयसुत्ताई, भाग 1, पृ० 160 - 163 2. पइण्णयसुत्ताई, भाग 1, प्रस्तावना ( गुजराती) पृ० 41