________________ तंदुलवैचारिक प्रकीर्णक और आधुनिक जीव विज्ञान : एक तुलना : 225 सामने स्थित रहता है / यौवनावस्था में इस भाग पर लोम hair) निकल आते हैं। 2. बृहतभगोष्ठ Labium Major)-यह वसा और मांस से निर्मित मोटी तह जैसी संरचना है / इसी से भग के दोनों किनारे बनते हैं / 3. भगशिश्निका Clitoris)-यह भग के अग्रभाग में स्थित स्त्रियों का उत्तेजक अंग है / 4. योनि (Vagina)-यह एक पेशीय नली है जो गर्भाशय तक रहती है / यह स्त्री का ग्रहणशील लैंगिक अंग तथा प्रजनन का मार्ग है / यह गर्भाशय तथा प्रजनन अंग के बाह्य भाग के मध्य परिवहन के रूप में काम करती है / योनि का खुलाव नीचे बाहर की ओर होता है जिसे योनिद्वार कहते हैं / योनिद्वार का ऊपरी भाग गर्भाशय की ग्रीवा से चारों तरफ से बंद होता है। आंतरिक अंग के प्रमुख भाग डिम्ब ग्रंथि, डिम्बवाहिनी नली (Fallopian tube) तथा गर्भाशय (Uterus) है। स्त्री में बादाम के आकार की दो डिम्ब-ग्रंथियाँ पाई जाती हैं / ये गर्भाशय से एक चौड़े स्नायु द्वारा जुड़ी रहती हैं / इनका मुख्य कार्य अण्डाणु को विकसित करना है / ये अण्डाणु ही नए जीव की उत्पत्ति करते हैं / प्रत्येक डिम्बग्रंथी दो डिम्बवाहिनी नलिकाओं के द्वारा गर्भाशय से जुड़ी रहती है / डिम्ब डिम्बग्रंथी नली की सहायता से गर्भाशय तक पहुँचता है / गर्भाशय नाशपाती के आकार की एक खोखली संरचना है / यह पेडू में स्थित रहता है / इसमें ही निषेचित डिम्ब का विकास होता है / मैथुन के समय स्खलित शुक्राणु योनि में जाते हैं और धीरे-धीरे गर्भाशय में प्रविष्ट होकर डिम्ब प्रणाली के मुख की ओर चले जाते हैं / यहीं एक शुक्राणु की डिम्ब से मुलाकात होती है / डिम्ब में शुक्राणु के प्रवेश से निषेचण होता है / निषेचित डिम्ब का विकास गर्भाशय में ही होता है जो लगभग 40 सप्ताह के बाद शिशु के रुप में योनिद्वार से बाहर निकलता है / गर्भाधान-अवस्था में गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है / / .तंदुलवैचारिक प्रकीर्णक में स्त्री अंग के निम्न भागों का उल्लेख मिलता हैडिम्बग्रंथि (कुक्षि)६, डिम्बवाहिनी नली (शिराद्गम) और योनि / शुक्राणु और डिम्ब के संयोग को निषेचण कहते हैं / इन दोनों के संयोग से ही नए प्राणी का जन्म होता है।९ मैथुन के बाद असंख्य शुक्राणु योनि में जमा हो जाते हैं। शुक्राणु में गति.पाई जाती है और वे डिम्ब की तरफ बढ़ते हैं / मात्र एक शुक्राणु डिम्ब में प्रवेश कर पाता है और शेष की मृत्यु हो जाती है / डिम्ब में शुक्राणु के प्रवेश को ही निषेचण कहते हैं। निषेचित अंड गर्भाशय में आकर उसकी नरम और मोटी तहों में अवस्थित हो जाता है। निषेचित अंड के इस अवस्थापन को गर्भारोपण के नाम से जाना जाता है / गर्भारोपण Gmplantation) के बाद डिम्ब विभक्त होना प्रारंभ करता है-एक से दो, दो से चार और इसी प्रकार वह असंख्य कोशिकाओं में विभक्त हो जाता है और भ्रूण Embryo) बन जाता है / धीरे-धीरे भ्रूण का विकास होने लगता है / कोशिकाएँ एक पिण्ड के समान गुच्छे का रूप धारण कर लेती है / इसे आधुनिक विज्ञान की भाषा में मोरुला Morula) के नाम से जाना जाता है / इसमें तीन जननिक स्तर (Germinal layers) बन जाते . हैं -बहिर्जन स्तर (Ectoderm), मध्यजन स्तर Mesoderm), और अंतर्जन स्तर __(Endoderm) / इनमें प्रत्येक जननिक स्तर भिन्न-भिन्न अंगों का निर्माण करता है / 10