________________ प्रकीर्णक और प्रवचनसारोद्धार : 205 इरियासमिए सया जए उवेह भुंजेज्ज व पाण-भोयणं / आयाणनिक्खेवदुगुंछ संजए समाहिए संजयए मणो वई / / (प्रवचनसारोद्धार, गाथा 1/636) अहस्ससच्चे अणुवीइभासए जे कोह लोह भयमेव वज्जए / सदीहराय समुपेहिया सिया, मुणी हु मोसं परिवज्जए सया || ( आराहणापडाया (पाईणायरियविरइया) गाथा 747) अहस्ससच्चे अणुवीय भासए जे कोह लोह भयमेव वज्जए / से दीहरायं समुपेहिया सया, मुणी हु मोसंपरिवज्जए सिया / / (प्रवचनसारोद्धार, गाथा 1/637) सयमेव उ उग्गहजायणे घडे मइमं निसम्म सइ भिक्खु उग्गहं / अणुनविय भुंजिय पाण-भोयणं जाइत्ता साहम्मियाण उग्गहं / / __ (आराहणापडाया (पाईणायरियविरइया) गाथा 748) सयमेव उ उग्गहजायणे घडे मइमं निसम्मा सइ भिक्खु उग्गहं / अणुत्रविय भुंजीयपाण-भोयणं जाइत्ता साहम्मियाण उग्गहं / / . (प्रवचनसारोद्धार, गाथा 1/638) आहारगुत्ते अविभूसियप्पा इत्थि न निज्झाइ न संथविज्जा / बुद्धे. मुणी खुड्डकहं न कुज्जा धम्माणुपेही सेवए बंभचेरं / / (आराहणापडाया (पाईणायरियविरइया) गाथा 749) आहारगुत्ते अविभूसियप्पा इत्थि न निज्झाय न संथवेज्जा / बुद्धे मुणी खुड्डुकहं न कुज्जा धम्माणुपेही संधए बंभचेरं / / (प्रवचनसारोद्धार, गाथा 1/639) काले विणए बहुमाणे उवहाणे तहा अणिण्हवणे / वंजण अत्थ तदभए विणओ नाणस्स अट्रविहओ / / ( आराहणापडाया (वीरभद्दायरियविरइया) गाथा 89) काले विणए बहमाणोवहाणे तहा अनिण्हवणे .. / वंजण-अत्थ तदुभए अट्ठविहो नाणमायारो / / (प्रवचनसारोद्धार, गाथा 1/267 ) निस्संकिय निक्कंखिय निव्वितिगिंछा अमूढदिट्ठीय / उववूह थिविकरणे वच्छल्ल पभावणे अट्ठ / / ( आराहणापडाया (वीरभद्दायरियविरइया) गाथा 9.0 ) निस्संकिय निक्कंखिय निव्वितिगिच्छा अमूढविट्ठी य / उववूह-धिरीकरणे वच्छल्ल-पभावणे अट्ठ | (प्रवचनसारोद्धार, गाथा 1/268)