________________ 122 : डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय आदा हु मज्झ णाणे आदा मे दंसणे चरित्ते य / आदा पच्चक्खाणे आदा मे संवरे जोए / / (मूलाचार, गाथा 46) आदा खु मज्झ णाणं आदा मे दंसणं चरित्ते य / आदा पच्चक्खाणं आदा मे संवरो जोगो / __ (भावापाहुड, गाथा 58) आदा खु मज्झ णाणं आदा मे दंसणं चरिते य / . आदा पच्चक्खाणं आदा मे संवरो जोगो || . (नियमसार, गाथा 100) आदा खु मज्झ णाणं आदा मे दंसणं चरित्तं य / आदा पच्चक्खाणं आदा मे संवरो जोगो // (समयसार, गाथा 277) मूलगुणे उत्तरगणे जे मे नाऽऽराहिया पमाएणं / ते सव्वे निंदामि पडिक्कमे आगमिस्साणं / / / ( महापच्चक्खाण पइण्णयं, गाथा 12) मूलगुण उत्तरगुणे जो मे णाराहिआ पमाएणं / तमहं सव्वं जिंदे पडिक्कमे आगममिस्साणं / / (मूलाचार, गाथा 50) एक्को उप्पज्जए जीवो, एक्को चेव विवज्जई / एक्कस्स होइ मरणं एक्को. सिज्झइ नीरओ || ( महापच्चक्खाण पइण्णयं, गाथा 14 ) एगो य मरदि जीवो एगो य जीवदि सयं / एगस्स जादि मरणं एगो सिज्झदि णीरओ / / (नियमसार, गाथा 101) एओ य मरइ जीवो एओ य उववज्जइ / एयस्स जाइमरणं एओ सिज्झइ णीरओ || (मूलाचार, गाथा 47) एक्को करेइ कम्मं, फलमवि तस्सेक्कओ समणुहवइ / एक्को जायइ मरइ य, परलोयं एक्क ओ जाइ // (महापच्चक्खाण पइण्णयं, गाथा 15) एक्को करेइ कम्मं एक्को हिंडदि य दीहसंसारे / एक्को जायदि मरदि य एवं चिंतेहि एयत्तं // (मूलाचार, गापा.१)