________________ - RIBE जीव विचार प्रकरण PRORIES की जाति की हो तो साधारण वनस्पतिकाय कारुप-स्वरुप और स्वभाव धारण कर लेती बहुत-सी वनस्पतियाँ ऐसी हैं जिनका मूल (जड) तो प्रत्येक होता है और शेष भाग साधारण होता है / किसी का कंद साधारण होता है और बाकी शेष प्रत्येक होता है। साधारण वनस्पतिकाय अनन्त जीवों से युक्त होती है और उनका एक ही शरीर होने से वे एक साथ ही आहार ग्रहण करते हैं। एक साथ श्वास लेते हैं और छोडते हैं। . प्रत्येक वनस्पतिकाय की परिभाषा एवं भेद गाथा एग सरीरे एगो जीवो जेसिं तु ते य पत्तेया / फल फूल छल्लि कट्ठा मूलग पत्ताणि बीयाणि // 13 // अन्वय जेसिं एग सरीरे एगो जीवो ते तु पत्तेया य फल फूल छल्लि कट्ठा मूलग पत्ताणि बीयाणि // 13 // - संस्कृत छाया एकस्मिन् शरीरे एको जीवो येषां तु ते च प्रत्येकाः / ..... फलपुष्पछल्लिकाष्ठानि मूलक पत्राणि बीजानि // 13 // शब्दार्थ - एग - एक सरीरे - शरीर में एगो - एक जीवो - जीव जेसिं-जिनके तु - तो ते - वे य - और पत्तेया - प्रत्येक . फल - फल फूल - पुष्प छल्लि - छाल कट्ठा - काष्ठ, लकडी मूलग - मूल - जड पत्ताणि - पत्ते बीयाणि- बीज