________________ JERSITE जीव विचार प्रकरण - गाढी और पतली वायु देव विमानों और नरक भूमियों के नीचे रहे हुए घनोदधि के नीचे होती है। उपरोक्त सभी वायुकायिक जीवों के भेद हैं। वनस्पतिकायिक जीवों के भेद / गाथा साहारण-पत्तेया वणस्सइ-जीवा दुहा सुए भणिया / ' जेसिमणंताणं तणू एगा साहारणा ते उ // 8 // अन्वय सुए वणस्सइ जीवा दुहा भणिया साहारणा पत्तेया जेसिं अणंताणं एगा तणू. ते उसाहारणा // 8 // संस्कृत छाया साधारण-प्रत्येका वनस्पति-जीवद्विधा- श्रुते भणिता / येषामनन्तानां तनुरेका साधारणास्ते तु // 8 // शब्दार्थ साहारण - साधारण पत्तेया - प्रत्येक वणस्सइ - वनस्पतिकायिक जीवा - जीवों (के) दुहा - दो भणिया - कहे गये हैं जेसिं - जिन अणंताणं - अनंत (जीवों) का तणू - शरीर एगा - एक साहारणा - साधारण ते उ - वे तो भावार्थ शास्त्र में वनस्पतिकायिक जीवों के दो भेद कहे गये हैं - साधारण वनस्पतिकाय एवं प्रत्येक वनस्पतिकाय / जिन अनंत जीवों का एक सुए - शास्त्र में