________________ 8888जीब विचार प्रश्नोत्तरी WRITERS मिश्रदृष्टि गुणस्थानक कहते है। 890) अविरत सम्यक्दृष्टि गुणस्थानक किसे कहते है ? उ. जिस गुणस्थानक में जीव को तत्त्व (सुदेव- सगुरु-सुधर्म) पर श्रद्धा होती है, उसे ___ अविरत सम्यक्दृष्टि गुणस्थानक कहते है / 891) वेशविरति गुणस्थानक किसे कहते है ? उ. जिस गुणस्थानक में जीव प्रत्याख्यान धारण करता है, उसे देशविरति गुणस्थानक कहते है। 892) प्रमत्त संयत गुणस्थानक किसे कहते है ? उ. ज्ञानपूर्वक संसार के समस्त पाप कर्मों (कार्यों) को त्याग करना संयम कहलाता है / संयम में मद-कषाय-विषय-निद्रा-विकथा द्वारा दोष लगना प्रमत्त संयत गुणस्थानक कहलाता है। 893) अप्रमत्त संयत गुणस्थानक किसे कहते है ? उ. संयत का प्रमाद (विषय आदि) रहित सजगता एवं जागरुकता पूर्वक पालन करना __अप्रमत्त संयम गुणस्थानक कहलाता है / 894) गति किसे कहते है ? उ. जिस गति में जाकर जीव उत्पन्न होता है, उसे गति कहते है / 895) आगति किसे कहते है ? . उ. जिस गति से आकर जीव उत्पन्न होता है, उसे आगति कहते है /